नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 190A के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 190A कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 190A का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 190A के अन्तर्गत जब कोई कार्यपालक मजिस्ट्रेट किसी विनिर्दिष्ट अपराध उन तथ्यों का, जिनसे ऐसे अपराध बनता है, परिवाद प्राप्त होने पर, ऐसे तथ्यों के बारे में पुलिस रिपोर्ट पर अथवा पुलिस अधिकारी से भिन्न किसी व्यक्ति से प्राप्त इत्तिला पर या स्वयं अपनी इस जानकारी पर कि ऐसा अपराध किया गया है का संज्ञान ले सकेगा।
सीआरपीसी की धारा 190A के अनुसार
कार्यपालक मजिस्ट्रेटों द्वारा अपराध का संज्ञान-
इस अध्याय के उपबंधों के अधीन रहते हुए कोई कार्यपालक मजिस्ट्रेट किसी विनिर्दिष्ट अपराध का संज्ञान ले सकेगा-
(क) उन तथ्यों का, जिनसे ऐसे अपराध बनता है, परिवाद प्राप्त होने पर,
(ख) ऐसे तथ्यों के बारे में पुलिस रिपोर्ट पर,
(ग) पुलिस अधिकारी से भिन्न किसी व्यक्ति से प्राप्त इत्तिला पर या स्वयं अपनी इस जानकारी पर कि ऐसा अपराध किया गया है- अधिनियम संख्या 22 वर्ष 1983 द्वारा 27-6-1983 के प्रभाव से अन्त:स्थापित।
Cognizance of offences by Executive Magistrate-
Subject to the provisions of this Chapter any Executive Magistrate may take cognizance of any specified offence-
(a) upon receiving a complaint of facts which constitute such offence;
(b) upon a police report of such facts;
(c) upon infromation received from any person other than a police officer or upon his own knowledge, that such offence has been committed.”- Act 22 of 1983 (w.e.f. 27-6-1983).
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 190A की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।