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सीआरपीसी की धारा 193 | अपराधों का सेशन न्यायालयों द्वारा संज्ञान | CrPC Section- 193 in hindi| Cognizance of offences by Courts of Session.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 193 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 193 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 193 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 193 के अन्तर्गत इस संहिता द्वारा या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा अभिव्यक्त रूप से जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई सेशन न्यायालय आरम्भिक अधिकारिता वाले न्यायालय के रूप में किसी अपराध का संज्ञान तब तक नहीं करेगा जब तक मामला इस संहिता के अधीन मजिस्ट्रेट द्वारा उसके सुपुर्द नहीं कर दिया गया है।

सीआरपीसी की धारा 193 के अनुसार

अपराधों का सेशन न्यायालयों द्वारा संज्ञान-

इस संहिता द्वारा या तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि द्वारा अभिव्यक्त रूप से जैसा उपबंधित है उसके सिवाय, कोई सेशन न्यायालय आरम्भिक अधिकारिता वाले न्यायालय के रूप में किसी अपराध का संज्ञान तब तक नहीं करेगा जब तक मामला इस संहिता के अधीन मजिस्ट्रेट द्वारा उसके सुपुर्द नहीं कर दिया गया है।

Cognizance of offences by Courts of Session-
Except as otherwise expressly provided by this Code or by any other law for the time being in force, no Court of Session shall take cognizance of any offence as a Court of original jurisdiction unless the case has been committed to it by a Magistrate under this Code.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 193 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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