नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 242 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 242 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 242 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 242 के अन्तर्गत यदि अभियुक्त अभिवचन करने से इंकार करता है या अभिवचन नहीं करता है या विचारण किए जाने का दावा करता है या मजिस्ट्रेट अभियुक्त को धारा 241 के अधीन दोषसिद्ध नहीं करता है तो वह मजिस्ट्रेट साक्षियों की परीक्षा के लिए तारीख नियत करेगा। परन्तु यह कि मजिस्ट्रेट पुलिस द्वारा अन्वेषण के दौरान अभिलिखित की गई साक्षियों के कथन अभियुक्त को अग्रिम रूप से प्रदान करेगा। यदि मजिस्ट्रेट, अभियोजन के आवेदन पर उसके साक्षियों में से किसी को हाजिर होने या कोई दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने का निदेश देने वाला समन जारी कर सकता है। ऐसी नियत तारीख पर मजिस्ट्रेट ऐसा सब साक्ष्य लेने के लिए अग्रसर होगा जो अभियोजन के समर्थन में पेश किया जाता है, परन्तु मजिस्ट्रेट किसी साक्षी की प्रतिपरीक्षा तब तक के लिए, जब तक किसी अन्य साक्षी या साक्षियों की परीक्षा नहीं कर ली जाती है, आस्थगित करने की अनुज्ञा दे सकेगा या किसी साक्षी को अतिरिक्त प्रतिपरीक्षा के लिए पुन: बुला सकेगा।
सीआरपीसी की धारा 242 के अनुसार
अभियोजन के लिए साक्ष्य-
(1) यदि अभियुक्त अभिवचन करने से इंकार करता है या अभिवचन नहीं करता है या विचारण किए जाने का दावा करता है या मजिस्ट्रेट अभियुक्त को धारा 241 के अधीन दोषसिद्ध नहीं करता है तो वह मजिस्ट्रेट साक्षियों की परीक्षा के लिए तारीख नियत करेगा।
परन्तु यह कि मजिस्ट्रेट पुलिस द्वारा अन्वेषण के दौरान अभिलिखित की गई साक्षियों के कथन अभियुक्त को अग्रिम रूप से प्रदान करेगा।
(2) मजिस्ट्रेट, अभियोजन के आवेदन पर उसके साक्षियों में से किसी को हाजिर होने या कोई दस्तावेज या अन्य चीज पेश करने का निदेश देने वाला समन जारी कर सकता है। (3) ऐसी नियत तारीख पर मजिस्ट्रेट ऐसा सब साक्ष्य लेने के लिए अग्रसर होगा जो अभियोजन के समर्थन में पेश किया जाता है :
परन्तु मजिस्ट्रेट किसी साक्षी की प्रतिपरीक्षा तब तक के लिए, जब तक किसी अन्य साक्षी या साक्षियों की परीक्षा नहीं कर ली जाती है, आस्थगित करने की अनुज्ञा दे सकेगा या किसी साक्षी को अतिरिक्त प्रतिपरीक्षा के लिए पुन: बुला सकेगा।
Evidence for prosecution-
(1) If the accused refuses to plead or does not plead, or claims to be tried or the Magistrate does not convict the accused under Section 241, the Magistrate shall fix a date for the examination of witnesses.
Provided that the Magistrate shall supply in advance to the accused, the statement of witnesses recorded during investigation by the police.
(2) The Magistrate may, on the application of the prosecution, issue a summons to any of its witnesses directing him to attend or to produce any document or other thing.
(3) On the date so fixed, the Magistrate shall proceed to take all such evidence as
may be produced in support of the prosecution :
Provided that the Magistrate may permit the cross-examination of any witness to be deferred until any other witness or witnesses have been examined or recall any witness for further cross-examination.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 242 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।