नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 252 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 252 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 252 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 252 के अन्तर्गत यदि अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन करता है तो मजिस्ट्रेट अभियुक्त का अभिवाक् यथासम्भव उन्हीं शब्दों में लेखबद्ध करेगा जिनका अभियुक्त ने प्रयोग किया है और उसके आधार पर उसे, स्वविवेकानुसार, दोषसिद्ध कर सकेगा।
सीआरपीसी की धारा 252 के अनुसार
दोषी होने के अभिवाक् पर दोषसिद्धि-
यदि अभियुक्त दोषी होने का अभिवचन करता है तो मजिस्ट्रेट अभियुक्त का अभिवाक् यथासम्भव उन्हीं शब्दों में लेखबद्ध करेगा जिनका अभियुक्त ने प्रयोग किया है और उसके आधार पर उसे, स्वविवेकानुसार, दोषसिद्ध कर सकेगा।
Conviction on plea of guilty-
If the accused pleads guilty, the Magistrate shall record the plea as nearly as possible in the words used by the accused and may, in his discretion, convict him thereon.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 252 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।