नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 296 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 296 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 296 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 296 के अन्तर्गत किसी भी व्यक्ति का ऐसा साक्ष्य जो औपचारिक है शपथपत्र द्वारा दिया जा सकता है और सब न्यायसंगत अपराधों के अधीन रहते हुए, इस संहिता के अधीन किसी जांच, विचारण या अन्य कार्यवाही में साक्ष्य में पढ़ा जा सकता है, यदि न्यायालय ठीक समझे तो वह किसी व्यक्ति को समन कर सकता है और उसके शपथपत्र में अन्तर्विष्ट तथ्यों के बारे में उसकी परीक्षा कर सकता है किन्तु अभियोजन या अभियुक्त के आवेदन पर ऐसा करेगा।
सीआरपीसी की धारा 296 के अनुसार
शपथ-पत्र पर औपचारिक साक्ष्य-
(1) किसी भी व्यक्ति का ऐसा साक्ष्य जो औपचारिक है शपथपत्र द्वारा दिया जा सकता है और सब न्यायसंगत अपराधों के अधीन रहते हुए, इस संहिता के अधीन किसी जांच, विचारण या अन्य कार्यवाही में साक्ष्य में पढ़ा जा सकता है।
(2) यदि न्यायालय ठीक समझे तो वह किसी व्यक्ति को समन कर सकता है और उसके शपथपत्र में अन्तर्विष्ट तथ्यों के बारे में उसकी परीक्षा कर सकता है किन्तु अभियोजन या अभियुक्त के आवेदन पर ऐसा करेगा।
Evidence of formal character on affidavit-
(1) The evidence of any person whose evidence is of a formal character may be given by affidavit and may, subject to all just exceptions, be read in evidence in any inquiry, trial or other proceeding under this Code.
(2) The Court may, if it thinks fit, and shall, on the application of the prosecution or the accused, summon and examine any such person as to the facts contained in his affidavit.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 296 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।