नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 318 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 318 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 318 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 318 के अन्तर्गत यदि अभियुक्त विकृतचित्त न होने पर भी ऐसा है कि उसे कार्यवाही समझाई नहीं जा सकती तो न्यायालय जांच या विचारण में अग्रसर हो सकता है; और उच्च न्यायालय से भिन्न न्यायालय की दशा में, यदि ऐसी कार्यवाही का परिणाम दोषसिद्धि है, तो कार्यवाही को मामले की परिस्थितियों की रिपोर्ट के साथ उच्च न्यायालय भेज दिया जायगा और उच्च न्यायालय उस पर ऐसा आदेश देगा जैसा वह ठीक समझे।
सीआरपीसी की धारा 318 के अनुसार
प्रक्रिया जहां अभियुक्त कार्यवाही नहीं समझता है-
यदि अभियुक्त विकृतचित्त न होने पर भी ऐसा है कि उसे कार्यवाही समझाई नहीं जा सकती तो न्यायालय जांच या विचारण में अग्रसर हो सकता है; और उच्च न्यायालय से भिन्न न्यायालय की दशा में, यदि ऐसी कार्यवाही का परिणाम दोषसिद्धि है, तो कार्यवाही को मामले की परिस्थितियों की रिपोर्ट के साथ उच्च न्यायालय भेज दिया जायगा और उच्च न्यायालय उस पर ऐसा आदेश देगा जैसा वह ठीक समझे।
Procedure where accused does not understand proceedings-
If the accused, though not of unsound mind, cannot be made to understand the proceedings, the Court may proceed with the inquiry or trial; and, in the case of a Court other than a High Court, if such proceedings result in a conviction, the proceedings shall be forwarded to the High Court with a report of the circumstances of the case, and the High Court shall pass thereon such order as it thinks fit.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 318 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।