भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-192) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 192 के अनुसार जहां कि उपाभिकर्ता उचित तौर पर नियुक्त किया गया है वहां, जहां तक पर-व्यक्तियों का सम्बन्ध है, मालिक का प्रतिनिधित्व वह अभिकर्ता करता है, और मालिक उसके कार्यों से ऐसे ही आबद्ध और उनके लिए ऐसे ही उत्तरदायी है मानो वह मालिक द्वारा मूलतः नियुक्त अभिकर्ता हो, जिसे IC Act Section-192 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 192 (Indian Contract Act Section-192) का विवरण
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 192 IC Act Section-192 के अनुसार जहां कि उपाभिकर्ता उचित तौर पर नियुक्त किया गया है वहां, जहां तक पर-व्यक्तियों का सम्बन्ध है, मालिक का प्रतिनिधित्व वह अभिकर्ता करता है, और मालिक उसके कार्यों से ऐसे ही आबद्ध और उनके लिए ऐसे ही उत्तरदायी है मानो वह मालिक द्वारा मूलतः नियुक्त अभिकर्ता हो।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 192 (IC Act Section-192 in Hindi)
उचित तौर पर नियुक्त उपाभिकर्ता द्वारा मालिक का प्रतिनिधित्व-
जहां कि उपाभिकर्ता उचित तौर पर नियुक्त किया गया है वहां, जहां तक पर-व्यक्तियों का सम्बन्ध है, मालिक का प्रतिनिधित्व वह अभिकर्ता करता है, और मालिक उसके कार्यों से ऐसे ही आबद्ध और उनके लिए ऐसे ही उत्तरदायी है मानो वह मालिक द्वारा मूलतः नियुक्त अभिकर्ता हो।
उपाभिकर्ता के लिए अभिकर्ता का उत्तरदायित्व–अभिकर्ता उपाभिकर्ता के कार्यों के लिए मालिक के प्रति उत्तरदायी है।
उपाभिकर्ता का उत्तरदायित्व-उपभिकर्ता अपने कार्यों के लिए अभिकर्ता के प्रति उत्तरदायी है, किन्तु कपट या जानबूझकर किए गए दोष की दशा को छोड़कर मालिक के प्रति उत्तरदायी नहीं है।
Indian Contract Act Section-192 (IC Act Section-192 in English)
Representation of principal by sub-agent properly appointed-
Where a sub-agent is properly appointed, the principal is, so far as regards third persons, represented by the sub-agent, and is bound by and responsible for his acts, as if he were an agent originally appointed by the principal.
Agent’s responsibility for sub-agent.—The agent is responsible to the principal for the acts of the sub-agent.
Sub-agent’s responsibility.—The sub-agent is responsible for his acts to the agent, but not to the principal, except in cases of fraud or wilful wrong.
हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 192 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।