भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 197 | Indian Contract Act Section 197

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-197) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 197 के अनुसार अनुसमर्थन अभिव्यक्त या उस व्यक्ति के आचरण से, जिसकी ओर से वे कार्य किए जाते हैं, विवक्षित हो सकेगा, जिसे IC Act Section-197 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 197 (Indian Contract Act Section-197) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 197 IC Act Section-197 के अनुसार अनुसमर्थन अभिव्यक्त या उस व्यक्ति के आचरण से, जिसकी ओर से वे कार्य किए जाते हैं, विवक्षित हो सकेगा।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 197 (IC Act Section-197 in Hindi)

अनुसमर्थन अभिव्यक्त या विवक्षित हो सकेगा-

अनुसमर्थन अभिव्यक्त या उस व्यक्ति के आचरण से, जिसकी ओर से वे कार्य किए जाते हैं, विवक्षित हो सकेगा।
दृष्टांत
(क) क प्राधिकार के बिना ख के लिए माल खरीदता है। तत्पश्चात् ख उन्हें ग को अपने लेखे बेच देता है। ख के आचरण से विवक्षित है कि उसने क द्वारा उसके लिए किए गए क्रय का अनुसमर्थन किया है।
(ख) क, ख के प्राधिकार के बिना ख का धन ग को उधार देता है । तत्पश्चात् ख उस धन पर से ब्याज प्रतिगृहीत करता है । ख के आचरण से विवक्षित है कि उसने उस उधार का अनुसमर्थन किया है।

Indian Contract Act Section-197 (IC Act Section-197 in English)

Ratification may be expressed or implied-

Ratification may be expressed or may be implied in the conduct of the person on whose behalf the acts are done.
Illustrations
(a) A, without authority, buys goods for B. Afterwards B sells them to C on his own account; B‟s conduct implies a ratification of the purchase made for him by A.
(b) A, without B‟s authority, lends B‟s money to C. Afterwards B accepts interest on the money from C. B‟s conduct implies a ratification of the loan.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 197 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment