भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 213 | Indian Contract Act Section 213

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-213) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 213 के अनुसार अभिकर्ता के प्राधिकार का पर्यवसान उन सब उपाभिकर्ताओं के, जो उसने नियुक्त किए हों, प्राधिकार का (उन नियमों के अध्यधीन, जो अभिकर्ता के प्राधिकार के पर्यवसान के बारे में एतस्मिन् अन्तर्विष्ट है) पर्यवसान कारित कर देता है, जिसे IC Act Section-213 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 213 (Indian Contract Act Section-213) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 213 IC Act Section-213 के अनुसार अभिकर्ता के प्राधिकार का पर्यवसान उन सब उपाभिकर्ताओं के, जो उसने नियुक्त किए हों, प्राधिकार का (उन नियमों के अध्यधीन, जो अभिकर्ता के प्राधिकार के पर्यवसान के बारे में एतस्मिन् अन्तर्विष्ट है) पर्यवसान कारित कर देता है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 213 (IC Act Section-213 in Hindi)

अभिकर्ता के लेखा-

अभिकर्ता अपने मालिक की मांग पर उचित लेखा देने के लिए आबद्ध है।

Indian Contract Act Section-213 (IC Act Section-213 in English)

Agent’s accounts-

An agent is bound to render proper accounts to his principal on demand.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 213 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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