भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 233 | Indian Contract Act Section 233

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-233) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 233 के अनुसार उन मामलों में, जिनमें कि अभिकर्ता वैयक्तिक रूप से दायी हो, उसके व्यवहार करने वाला व्यक्ति या तो उसको या उससे मालिक को या उन दोनों को दायी ठहरा सकेगा, जिसे IC Act Section-233 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 233 (Indian Contract Act Section-233) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 233 IC Act Section-233 के अनुसार उन मामलों में, जिनमें कि अभिकर्ता वैयक्तिक रूप से दायी हो, उसके व्यवहार करने वाला व्यक्ति या तो उसको या उससे मालिक को या उन दोनों को दायी ठहरा सकेगा।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 233 (IC Act Section-233 in Hindi)

वैयक्तिक रूप से दायी अभिकर्ता से व्यवहार करने वाले व्यक्ति का अधिकार-

उन मामलों में, जिनमें कि अभिकर्ता वैयक्तिक रूप से दायी हो, उसके व्यवहार करने वाला व्यक्ति या तो उसको या उससे मालिक को या उन दोनों को दायी ठहरा सकेगा।
दृष्टांत
रुई की 100 गांठ ख को बेचने की संविदा उससे क करता है और तत्पश्चात् उसे पता चलता है कि ग की ओर से ख अभिकर्ता के रूप में कार्य कर रहा था। क उसे रुई की कीमत के लिए या तो ख पर या ग पर या दोनों पर वाद ला सकेगा।

Indian Contract Act Section-233 (IC Act Section-233 in English)

Right of person dealing with agent personally liable-

In cases where the agent is personally liable, a person dealing with him may hold either him or his principal, or both of them, liable.
Illustration
A enters into a contract with B to sell him 100 bales of cotton, and afterwards discovers that B was acting as agent for C. A may sue either B or C, or both, for the price of the cotton.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 233 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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