भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 238 | Indian Contract Act Section 238

भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-238) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 238 के अनुसार अपने कारबार के अनुक्रम में अपने मालिकों की ओर से कार्य करते हुए अभिकर्ताओं द्वारा किए गए दुर्व्यपदेशन या कपट ऐसे अभिकर्ताओं द्वारा किए गए करारों पर वे ही प्रभाव रखते हैं मानो ऐसे दुर्व्यपदेशन या कपट उन मालिकों द्वारा किए गए हों, किन्तु अभिकर्ताओं द्वारा ऐसे विषयों में, जो उनके प्राधिकार के भीतर नहीं आते, किए गए दुर्व्यपदेशन या कपट का उनके मालिकों पर प्रभाव नहीं पड़ता, जिसे IC Act Section-238 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 238 (Indian Contract Act Section-238) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 238 IC Act Section-238 के अनुसार अपने कारबार के अनुक्रम में अपने मालिकों की ओर से कार्य करते हुए अभिकर्ताओं द्वारा किए गए दुर्व्यपदेशन या कपट ऐसे अभिकर्ताओं द्वारा किए गए करारों पर वे ही प्रभाव रखते हैं मानो ऐसे दुर्व्यपदेशन या कपट उन मालिकों द्वारा किए गए हों, किन्तु अभिकर्ताओं द्वारा ऐसे विषयों में, जो उनके प्राधिकार के भीतर नहीं आते, किए गए दुर्व्यपदेशन या कपट का उनके मालिकों पर प्रभाव नहीं पड़ता।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 238 (IC Act Section-238 in Hindi)

अभिकर्ता द्वारा दुर्व्यपदेशन या कपट का करार पर प्रभाव-

अपने कारबार के अनुक्रम में अपने मालिकों की ओर से कार्य करते हुए अभिकर्ताओं द्वारा किए गए दुर्व्यपदेशन या कपट ऐसे अभिकर्ताओं द्वारा किए गए करारों पर वे ही प्रभाव रखते हैं मानो ऐसे दुर्व्यपदेशन या कपट उन मालिकों द्वारा किए गए हों, किन्तु अभिकर्ताओं द्वारा ऐसे विषयों में, जो उनके प्राधिकार के भीतर नहीं आते, किए गए दुर्व्यपदेशन या कपट का उनके मालिकों पर प्रभाव नहीं पड़ता।
दृष्टांत
(क) क, जो माल के विक्रय के लिए ख का अभिकर्ता है, एक दुर्व्यपदेशन द्वारा जिसे करने के लिए वह ख द्वारा प्राधिकृत नहीं था, ग को उसे खरीदने के लिए उत्प्रेरित करता है। जहां तक कि ख और ग के बीच का संबंध है, संविदा ग के विकल्प पर शून्यकरणीय है।
(ख) ख के पोत का कप्तान क, वहनपत्रों पर, उनमें वर्णित माल को पोत पर प्राप्त किए बिना ही हस्ताक्षर करता है। जहां तक ख और अपदेशी परेषक का संबंध है, वहनपत्र शून्य है।

Indian Contract Act Section-238 (IC Act Section-238 in English)

Effect, on agreement, of misrepresentation of fraud, by agent-

Misrepresentation made, or frauds committed, by agents acting in the course of their business for their principals, have the same effect on agreements made by such agents as if such misrepresentations or frauds had been made or committed by the principals; but misrepresentations made, or frauds committed, by agents, in matters which do not fall within their authority, do not affect their principals.
Illustrations
(a) A, being B‟s agent for the sale of goods, induces C to buy them by a misrepresentation, which he was not authorized by B to make. The contract is voidable, as between B and C, at the option of C.
(b) A, the captain of B‟s ship, signs bills of lading without having received on board the goods mentioned therein. The bills of lading are void as between B and the pretended cosignor.

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 238 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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