भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 24 | Indian Contract Act Section 24

 भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-24) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 24 के अनुसार यदि एक या अधिक उद्देश्यों के लिए किसी एकल प्रतिफल का कोई भाग, या किसी एक उद्देश्य के लिए कई प्रतिफलों में से कोई एक या किसी एक का कोई भाग विधिविरुद्ध हो तो करार शून्य है यदि प्रतिफल और उद्देश्य विधिपूर्णता के विपरीत हों तो वे करार शून्य होंगे। विधिपूर्णता का मतलब होता है कि किसी कार्य या प्रयास को कानून के अनुसार और नियमित तरीके से किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति या संगठन विधिपूर्णता के खिलाफ कार्य करता है या विधिपूर्ण उद्देश्यों के विपरीत प्रतिफल चाहता है, तो ऐसे कार्य को करार शून्य माना जाएगा, जिसे IC Act Section-24 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 24 (Indian Contract Act Section-24) का विवरण

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 24 IC Act Section-24 के अनुसार यदि एक या अधिक उद्देश्यों के लिए किसी एकल प्रतिफल का कोई भाग, या किसी एक उद्देश्य के लिए कई प्रतिफलों में से कोई एक या किसी एक का कोई भाग विधिविरुद्ध हो तो करार शून्य है। यदि प्रतिफल और उद्देश्य विधिपूर्णता के विपरीत हों तो वे करार शून्य होंगे। विधिपूर्णता का मतलब होता है कि किसी कार्य या प्रयास को कानून के अनुसार और नियमित तरीके से किया जाना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति या संगठन विधिपूर्णता के खिलाफ कार्य करता है या विधिपूर्ण उद्देश्यों के विपरीत प्रतिफल चाहता है, तो ऐसे कार्य को करार शून्य माना जाएगा।

भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 24 (IC Act Section-24 in Hindi)

यदि प्रतिफल और उद्देश्य भागतः विधिविरुद्ध हों तो करार शून्य होंगे-

यदि एक या अधिक उद्देश्यों के लिए किसी एकल प्रतिफल का कोई भाग, या किसी एक उद्देश्य के लिए कई प्रतिफलों में से कोई एक या किसी एक का कोई भाग विधिविरुद्ध हो तो करार शून्य है।
दृृष्‍टांत 
‘क’ नील के वैध विनिर्माण का, और अन्य वस्तुओं में अवैध दुव्र्यापार का ‘ख’ की ओर से अधीक्षण करने का वचन देता है। ‘ख’ 10,000 रुपये वार्षिक संबलम ‘क’ को देने का वचन देता है। यह करार इस कारण शून्य है कि ‘क’ के वचन का उद्देश्य और ‘ख’ के वचन के लिए प्रतिफल भागतः विधिविरुद्ध है।

Indian Contract Act Section-24 (IC Act Section-24 in English)

Agreements void, if considerations and objects unlawful in part-

If any part of a single consideration for one or more objects, or any one or any part of any one of several considerations for a single object, is unlawful, the agreement is void. .
Illustration
A promises to superintend, on behalf of B, a legal manufacturer of indigo, and an illegal traffic in other articles. B promises to pay to A a salary of 10,000 rupees a year. The agreement is void, the object of A’s promise, and the consideration for B’s promise, being in part unlawful

हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 24 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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