भारतीय संविदा अधिनियम Indian Contract Act (ICA Section-59) in Hindi के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 59 के अनुसार जहाँ कि कोई ऋणी, जिस पर एक व्यक्ति के कई सुभिन्न ऋण हों, उस व्यक्ति को या तो अभिव्यक्त प्रज्ञापना सहित या ऐसी परिस्थितियों में, जिनसे विवक्षित हो कि वह संदाय किसी विशिष्ट ऋण के उन्मोच के लिए उपयोजित किया जाना है, कोई संदाय करता है वहाँ उस संदाय को, यदि वह प्रतिग्रहीत कर लिया जाए, तद्नुसार उपयोजित करना होगा, जिसे IC Act Section-59 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
HIGHLIGHTS
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 59 (Indian Contract Act Section-59) का विवरण
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 59 IC Act Section-59 के अनुसार जहाँ कि कोई ऋणी, जिस पर एक व्यक्ति के कई सुभिन्न ऋण हों, उस व्यक्ति को या तो अभिव्यक्त प्रज्ञापना सहित या ऐसी परिस्थितियों में, जिनसे विवक्षित हो कि वह संदाय किसी विशिष्ट ऋण के उन्मोच के लिए उपयोजित किया जाना है, कोई संदाय करता है वहाँ उस संदाय को, यदि वह प्रतिग्रहीत कर लिया जाए, तद्नुसार उपयोजित करना होगा।
भारतीय संविदा अधिनियम की धारा 59 (IC Act Section-59 in Hindi)
जहाँ कि वह ऋण उपदर्शित हो, जिसका उन्मोचन किया जाना है, वहाँ संदायों का उपयोजन-
जहाँ कि कोई ऋणी, जिस पर एक व्यक्ति के कई सुभिन्न ऋण हों, उस व्यक्ति को या तो अभिव्यक्त प्रज्ञापना सहित या ऐसी परिस्थितियों में, जिनसे विवक्षित हो कि वह संदाय किसी विशिष्ट ऋण के उन्मोच के लिए उपयोजित किया जाना है, कोई संदाय करता है वहाँ उस संदाय को, यदि वह प्रतिग्रहीत कर लिया जाए, तद्नुसार उपयोजित करना होगा।
दृष्टान्त
(क) अन्य ऋणों के साथ-साथ एक वचनपत्र पर, जो पहली जून को शोध्य है, ‘ख’ का ‘क’ 1,000 रुपये का देनदार है। वह ‘ख’ को उसी रकम के किसी अन्य ऋण का देनदार नहीं है। पहली जून को ‘ख’ को ‘क’ 1,000 रुपये देता है। यह संदाय वचनपत्र का उन्मोचन करने के लिए उपयोजित किया जाना है।
(ख) अन्य ऋणों के साथ-साथ ‘ख’ को ‘क’ 567 रुपये का देनदार है। ‘क’ से ‘ख’ इस राशि के संदाय की लिखित माँग करता है। ‘ख’ को ‘क’ 567 रुपये भेजता है। यह संदाय उस ऋण के उन्मोचन के लिए उपयोजित किया जाना है जिनके संदाय की माँग ‘ख’ ने की थी।
Indian Contract Act Section-59 (IC Act Section-59 in English)
Application of payment, where debt to be discharged is indicated-
Where a debtor, owing several distinct debts to one person, makes a payment to him, either with express intimation, or under circumstances implying, that the payment is to be applied to the discharge of some particular debt, the payment, if accepted, must be applied accordingly.
Illustrations
(a) A owes B, among other debts, 1,000 rupees upon a promissory note, which falls due on the first June. He owes B no other debt of that amount. On the first June, A pays to B 1,000 rupees. The payment is to be applied to the discharge of the promissory note.
(b) A owes to B, along other debts, the sum of 567 rupees. B writes to A and demands payment of this sum. A sends to B 567 rupees. This payment is to be applied to the discharge of the debt of which B had demanded payment.
हमारा प्रयास भारतीय संविदा अधिनियम (Indian Contract Act Section) की धारा 59 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।