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भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 105 | यह साबित करने का भार कि अभियुक्त का मामला अपवादों के अन्तर्गत आता है | Indian Evidence Act Section- 105 in hindi| Burden of proving that case of accused comes within exceptions.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 105 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 105, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 105 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 105 के अन्तर्गत जब कोई व्यक्ति किसी अपराध का अभियुक्त है, तब उन परिस्थितियों के अस्तित्व को साबित करने का भार, जो उस मामले को भारतीय दण्ड संहिता, (1860 का 45) के साधारण अपवादों में से किसी के अन्तर्गत या उसी संहिता के किसी अन्य भाग में, या उस अपराध की परिभाषा करने वाली किसी विधि में, अन्तर्विष्ट किसी विशेष अपवाद या परन्तुक के अन्तर्गत कर देती है, उस व्यक्ति पर है और न्यायालय ऐसी परिस्थितियों के अभाव की उपधारणा करेगा।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 105 के अनुसार

यह साबित करने का भार कि अभियुक्त का मामला अपवादों के अन्तर्गत आता है-

जबकि कोई व्यक्ति किसी अपराध का अभियुक्त है, तब उन परिस्थितियों के अस्तित्व को साबित करने का भार, जो उस मामले को भारतीय दण्ड संहिता, (1860 का 45) के साधारण अपवादों में से किसी के अन्तर्गत या उसी संहिता के किसी अन्य भाग में, या उस अपराध की परिभाषा करने वाली किसी विधि में, अन्तर्विष्ट किसी विशेष अपवाद या परन्तुक के अन्तर्गत कर देती है, उस व्यक्ति पर है और न्यायालय ऐसी परिस्थितियों के अभाव की उपधारणा करेगा।

Burden of proving that case of accused comes within exceptions-
When a person is accused of any offence, the burden of proving the existence of circumstances bringing the case within any of the General Exceptions in the Indian Penal Code (45 of 1860), or within any special exception or proviso contained in any other part of the same Code, or in any law defining the offence, is upon him, and the Court shall presume the absence of such circumstances.

दृष्टान्त
(क) हत्या का अभियुक्त, क, अभिकथित करता है कि, वह चित्तविकृति के कारण उस कार्य की प्रकृति नहीं जानता था।
सबूत का भार क पर है,
(ख) हत्या का अभियुक्त क, अभिकथित करता है कि वह गम्भीर और अचानक प्रकोपन के कारण आत्मनियन्त्रण की शक्ति से वंचित हो गया था।
सबूत का भार क पर है।

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 105 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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