भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 121 | न्यायाधीश और मजिस्ट्रेट | Indian Evidence Act Section- 121 in hindi| Judges and Magistrates.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 121 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 121, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 121 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 121 के अन्तर्गत किसी व्यक्ति ने किसी स्त्री की दहेज मृत्यु की है और यह दर्शित किया जाता है कि मृत्यु के कुछ पूर्व ऐसे व्यक्ति ने दहेज की किसी मांग के लिए या उसके सम्बन्ध में उस स्त्री के साथ क्रूरता की थी या उसको तंग किया था, तो न्यायालय यह उपधारणा करेगा कि ऐसे व्यक्ति ने दहेज मृत्यु कारित की थी।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 121 के अनुसार

न्यायाधीश और मजिस्ट्रेट-

कोई भी न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट न्यायालय में ऐसे न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट के नाते अपने स्वयं के आचरण के बारे में, या ऐसी किसी बात के बारे में, जिसका ज्ञान उसे ऐसे न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट के नाते न्यायालय में हुआ, किन्हीं प्रश्नों का उत्तर देने के लिये ऐसे किसी भी न्यायालय के विशेष आदेश के सिवाय, जिसके वह अधीनस्थ है, विवश नहीं किया जायेगा; किन्तु अन्य बातों के बारे में जो उसकी उपस्थिति में उस समय घटित हुई थीं, जब वह ऐसे कार्य कर रहा था उसकी परीक्षा की जा सकेगी।

Judges and Magistrates-
No Judge or Magistrate shall, except upon the special order of some Court to which he is subordinate, be compelled to answer any questions as to his own conduct in Court as such Judge or Magistrate, or as to anything which came to his knowledge in Court as such Judge or Magistrate; but he may be examined as to other matters which occurred in his presence whilst he was so acting.

दृष्टान्त
(क) सेशन्स न्यायालय के समक्ष अपने विचार में क कहता है कि अभिसाक्ष्य मजिस्ट्रेट ख द्वारा अनुचित रूप से लिया गया था। तद्विषयक प्रश्नों का उत्तर देने के लिए क को किसी वरिष्ठ न्यायालय के विशेष आदेश के सिवाय विवश नहीं किया जा सकता।
(ख) मजिस्ट्रेट ख के समक्ष मिथ्या साक्ष्य देने का क सेशन्स न्यायालय के समक्ष अभियुक्त है। वरिष्ठ न्यायालय के विशेष आदेश के सिवाय ख से यह नहीं पूछा जा सकता कि कने क्या कहा था।
(ग) क सेशन्स न्यायालय के समक्ष इसलिए अभियुक्त है कि उसने सेशन्स न्यायाधीश ख के समक्ष विचारित होते समय किसी पुलिस आफिसर की हत्या करने का प्रयत्न किया। ख की यह परीक्षा की जा सकेगी कि क्या घटित हुआ था।

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 121 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment