नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 54 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 54, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 54 का विवरण
भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 54 के अन्तर्गत दाण्डिक कार्यवाहियों में यह तथ्य कि अभियुक्त व्यक्ति बुरे शील का है, विसंगत है, जब तक कि इस बात का साक्ष्य न दिया गया हो कि वह अच्छे शील का है, जिसके दिये जाने की दशा में वह सुसंगत हो जाता है।
भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 54 के अनुसार
उत्तर में होने के सिवाय पूर्वतन बुरा शील सुसंगत नहीं है-
दाण्डिक कार्यवाहियों में यह तथ्य कि अभियुक्त व्यक्ति बुरे शील का है, विसंगत है, जब तक कि इस बात का साक्ष्य न दिया गया हो कि वह अच्छे शील का है, जिसके दिये जाने की दशा में वह सुसंगत हो जाता है।
Previous bad character not relevant, except in reply-
In criminal proceedings the fact that the accused person has a bad character is irrelevant, unless evidence has been given, that he has a good character, in which case it becomes relevant.
स्पष्टीकरण 1- यह धारा उन मामलों को लागू नहीं है, जिनमें किसी व्यक्ति का बुरा शील स्वयं विवाद्यक तथ्य है।
स्पष्टीकरण 2- पूर्व दोषसिद्ध बुरे शील के साक्ष्य के रूप में सुसंगत है।
हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 54 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।