भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 98 | न पढ़ी जा सकने वाली लिपि आदि के अर्थ के बारे में साक्ष्य | Indian Evidence Act Section- 98 in hindi| Evidence as to meaning of illegible characters, etc.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 98 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 98, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 98 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 98 के अन्तर्गत ऐसी लिपि का, जो पढ़ी न जा सके या सामान्यत: समझी न जाती हो, विदेशी, अप्रचलित, पारिभाषिक, स्थानिक और प्रान्तीय शब्द प्रयोगों का, संक्षेपाक्षरों का और विशिष्ट भाव में प्रयुक्त शब्दों का अर्थ दर्शित करने के लिए साक्ष्य दिया जा सकेगा।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 98 के अनुसार

न पढ़ी जा सकने वाली लिपि आदि के अर्थ के बारे में साक्ष्य-

ऐसी लिपि का, जो पढ़ी न जा सके या सामान्यत: समझी न जाती हो, विदेशी, अप्रचलित, पारिभाषिक, स्थानिक और प्रान्तीय शब्द प्रयोगों का, संक्षेपाक्षरों का और विशिष्ट भाव में प्रयुक्त शब्दों का अर्थ दर्शित करने के लिए साक्ष्य दिया जा सकेगा।

Evidence as to meaning of illegible characters, etc-
Evidence may be given to show the meaning of illegible or not commonly intelligible characters, of foreign, obsolete, technical, local and provincial expressions, of abbreviations and of words used in a peculiar sense.

दृष्टान्त
एक मूर्तिकार, क”मेरी सभी प्रतिमाएं” ख को बेचने का करार करता है। क के पास प्रतिमान और प्रतिमा बनाने के औजार भी है। यह दर्शित कराने के लिए कि वह किसे बेचने का अभिप्राय रखता था, साक्ष्य दिया जा सकेगा।

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 98 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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