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भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 99 | दस्तावेज के निबन्धनों में फेरफार करने वाले करार का साक्ष्य कौन दे सकेगा | Indian Evidence Act Section- 99 in hindi| Who may give evidence of agreement varying terms of document.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 99 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 99, साथ ही क्या बतलाती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 99 का विवरण

भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) की धारा 99 के अन्तर्गत वे व्यक्ति, जो किसी दस्तावेज के पक्षकार, या उनके हित प्रतिनिधि नहीं हैं, ऐसे किन्हीं भी तथ्यों का साक्ष्य दे सकेंगे, जो दस्तावेज के निबन्धनों में फेरफार करने वाले किसी समकालीन करार को दर्शित करने की प्रवृत्ति रखते हों।

भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 99 के अनुसार

दस्तावेज के निबन्धनों में फेरफार करने वाले करार का साक्ष्य कौन दे सकेगा-

वे व्यक्ति, जो किसी दस्तावेज के पक्षकार, या उनके हित प्रतिनिधि नहीं हैं, ऐसे किन्हीं भी तथ्यों का साक्ष्य दे सकेंगे, जो दस्तावेज के निबन्धनों में फेरफार करने वाले किसी समकालीन करार को दर्शित करने की प्रवृत्ति रखते हों।

Who may give evidence of agreement varying terms of document-
Persons who are not parties to a document, or their representatives in interest, may give evidence of any facts tending to show a contemporaneous agreement varying the terms of the document.

दृष्टान्त
क और ख लिखित संविदा करते हैं कि क को कुछ कपास ख बेचेगा, जिसके लिए संदाय कपास परिदान किए जाने पर किया जायेगा। उसी समय वे एक मौखिक करार करते हैं कि क को तीन मास का प्रत्यय दिया जायेगा। क और ख के बीच यह तथ्य दर्शित नहीं किया जा सकता था, किन्तु यदि यह ग के हित पर प्रभाव डालता है, तो यह ग द्वारा दर्शित किया जा सकेगा।

हमारा प्रयास भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 99 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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