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अंतर्राष्ट्रीय संगठन क्या है? अंतर्राष्ट्रीय संगठनो के महत्व एवम उनके क्या कार्य है? (What is an International Organisation? What is the importance and functions of international organisations?)

नमस्कार दोस्तों, आज हम अंतर्राष्ट्रीय संगठन International Organisation पर चर्चा करेंगे, क्या आप जानते हैं कि यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन क्यों बनाए गए हैं और इनके क्या कार्य है, साथ ही यह इन संगठनों को कौन चलाता है, और किस तरह से ये कार्य करते है। इसके अलावा विश्व के कितने देश इन संगठनों से जुड़े हुए हैं, विश्व मे कुल कितने अंतर्राष्ट्रीय सगठंन है और उनके क्या कार्य है सभी जानकारी आज इस लेख में जानेंगे।

वैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन का मुख्य कार्य यह है कि यदि किसी देश के अंदर के नागरिक या समूह पर किसी प्रकार का कोई दबाव तो नही दिया जा रहा है अथवा किसी देश व्दारा उसकी सुरक्षा व्यवस्था को भंग करने जैसे साजिश की जा रही है अथवा अगर ऐसा कोई देश किसी भी व्यक्ति के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है तो भी वह उस पर अंतरराष्ट्रीय संगठन करवाई कर सकता है। इसी तरह से अगर किसी व्यक्ति के साथ किसी देश में कोई भी प्रॉब्लम होती है वह भी सरकार के वजह से तो वह बिना घबराए अंतरराष्ट्रीय संगठन में जाकर अपना बात,विचार रख सकता है और अपने देश के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय संगठन में शिकायत दर्ज करा सकता है।

अंतर्राष्ट्रीय संगठन क्या है?

अंतर्राष्ट्रीय संगठन सभी देशों के मध्य संधि अथवा एक समझौता/ करार हेतु बनाया गया है यह करार कुछ विशेष उद्देश्यों के लिए, संधियों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय विधि के अनुसार बनाए जाते हैं, साधारण भाषा में सभी देशों द्वारा एक ऐसी संधि अथवा समझौता होता है, जिससे देशो एवंम् देश मे रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था एवंम् समाजिक विकास बनाए रखने के लिये गठित किया गया है, अर्थात् सभी देश शांतिपूर्वक रहे। इसके अलावा इसका उद्देश्य लाभप्रद कार्यों के लिए किया जाना होगा, जिससे सभी देशों का प्रगृति हो।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनों व्दारा न्याय, सुरक्षा एवंम् समाजिक विकास को बढ़ावा देने के आशय से बनाया गया है इसके आलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादों को सुलझाने एवंम् समाज मे शांति और सुरक्षा स्थापित करने और एक सामंजस्यपूर्ण बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ये दो प्रकार की होती हैं-

  • अन्तर्राष्ट्रीय अशासकीय संगठन (International nongovernmental organisations (INGOs)- अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्य करने वाली अशासकीय संस्थाएँ
  • अन्तरशासकीय संगठन (Intergovernmental organisations, या international governmental organisations)

अंतर्राष्ट्रीय संगठन मामलों की जांच एवंम् किसी मामले की चर्चा करने के लिये अंतराष्ट्रीय न्यायालय एवंम् राष्ट्र संघ बनाये गये है, जिनका मुख्य कार्य मामले की जांच एवंम् उन पर कार्यवाही करके निर्णय करना होता है। इसके अलावा सभी देशो की आर्थिक एवंम् समाजिक वृद्धि जैसे मुद्दो पर चर्चा करना अथवा मदद् करना इनका मुख्य कार्य है।

राष्ट्र संघ (League of Nations)

प्रथम विश्व युद्ध के भयानक परिणामो के उपरान्त राष्ट्र संघ की स्थापना 10 जनवरी 1920 को शान्ति एवंम् सुरक्षा कायम रखने तथा अंतर्राष्ट्रीय सहयोग मे वृद्धि करने के मुख्य उद्देश्य के साथ की गई थी। वैसे राष्ट्रीय संघ के प्रमुख तीन अंग है-

  1. सभा (Assembly)- राष्ट्र संघ की सभा किसी मुद्दे की चर्चा हेतु प्रत्येक देश अपने तीन प्रतिनिधियों को भेज सकती है। सभा की बैठक वर्ष मे कम से कम एक बार होती है तथा यदि आवश्यकता होती थी तो बैठक कई बार भी हो सकती है। सभी बैठके संघ के मुख्यालय जेनेवा में या अन्य निर्धारित स्थानों मे होती है।
  2. परिषद् (The Council)– सभा की तरह परिषद् भी संघ के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत तथा विश्व शांति को प्रभावित करने वाले किसी मामले का निपटारा कर सकती है। परिषद् के सदस्य दो प्रकार के होते है, जिसे हम वीटो पॉवर कहते है- स्थायी एवंम् अस्थायी। स्थायी वीटो पॉवर जैसे अमेरिका, बिट्रेन, फ्रांस, इटली और जापान जिन्हे स्थायी सदस्यता दी गयी है, इसी तरह से अस्थायी सदस्यो का सभा व्दारा प्रतिवर्ष निर्वाचन होता है।
  3. सचिवालय (The Secretariat)– सचिवालय स्थायी कार्यालय है, जिसका प्रमुख महासचिव होता है, जिसका चुनाव सभा के बहुमत के अनुमोदन से परिषद् व्दारा नियुक्त किया जाता है। इनका कार्य लिपिकीय, अनुसंधान, प्रारूपण, प्रकाशन, संधियों का पंजीकरण इत्यादि होता है।

राष्ट्र संघ की कमियां

  • संघ युद्ध को पूर्णतया वर्जित नही करता है कोई राज्य यदि युद्ध करना चाहता है तो उसे कई औपचारिकताओं को पूर्ण करने के उपरांत ही किया जा सकता है।
  • महाशक्तियों मे से एक अमेरिका, सीनेट व्दारा संधि का अनुसमर्थन न किये जाने के कारण, संघ का सदस्य नही बना।
  • परिषद् तथा सभा के कार्यो को स्पष्टतः विभाजित नही किया गया है।
  • सदस्य परिषद् के विनिश्चय व्दारा बाध्य नही है।
  • आक्रमण के कृत्य को प्रभावी ढंग से निपटाने के लिये संघ की प्रसंविदा मे कोई उपबन्ध नही है। इसके अतिरिक्त, दोषी राज्य के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिये परिषद् के पास कोई सेना उपलब्ध नही है।

अंतर्राष्ट्रीय संगठनो के महत्व एवंम् कार्य

अंतर्राष्ट्रीय संगठन आस्थायी एवंम् स्थायी संगठन हो सकते है। इनको कार्यो या प्रयोजनों के आधार पर भी विभाजित किया जा सकता है। जैसे- सरकारी, प्रशासनिक, न्यायिक, समझौताकारी, समन्वयकारी या विधायी संगठन। इनका विभाजन इनके उद्देश्यों की प्रकृति के आधार पर भी किया जा सकता है, अर्थात् एक उद्देशीय या बहुुउद्देशीय संगठन।

सामान्य सदस्यता तथा सामान्य उद्देश्यों के संगठन (General Membership and General Purpose Organisation)- ऐसे संगठनों का क्षेत्र सार्वभौमिक होता है। और इसमें सभी राज्य सदस्य हो सकते हैं। ये विभिन्न कार्यों को करते हैं, जैसे शान्ति और सुरक्षा बनाये रखना, सामाजिक आर्थिक सहयोग, मानवाधिकारों का संरक्षण, सांस्कृतिक, शैक्षणिक तथा वैज्ञानिक क्रियाकलापों का विकास तथा आदान-प्रदान।

सामान्य सदस्यता तथा सीमित उद्देश्य का संगठन (General Membership and Limited-Purpose Organisation)– ऐसे संगठनों को भी क्रियात्मक संगठन कहा जाता है, क्योंकि ये विशेष कार्य के लिए बनाये जाते हैं, किन्न अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के सभी सदस्य बन सकते हैं। ऐसे संगठनों के उदाहरण हैं, संय के विशिष्ट अभिकरण, जैसे अन्तर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण तथा विकास बैंक (International Bank for reconstruction and Development), अन्तर्राष्ट्रीय श्रम संगठन और विश्व स्वास्थ्य संगठन

सीमित सदस्यता तथा सामान्य उद्देश्यों के संगठन (Limited Membership and General Purpose Organisation)– ऐसे संगठन की सदस्यता केवल विशिष्ट राज्य ही ग्रहण कर सकते हैं, इसलिए इन्हें क्षेत्रीय संगठन भी कहा जाता है। इनका गठन व्यापक सुरक्षा, राजनीतिक, सामाजिक-आर्थिक कार्यों तथा उत्तरदायित्वों के लिए किया जाता है। ऐसे संगठनों के उदाहरण हैं- अमेरिकी राज्यों का संगठन (Organisation ofAmerican States-OAS), अफ्रीकी एकता संगठन (Organisation of African Unity —OAU) तथा अरब लीग (Arab Legaue)

सीमित सदस्यता तथा सीमित उद्देश्य का संगठन (Limited Membership and Limited Purpose Organisation)– ये ऐसे संगठन हैं, जिनकी सदस्यता विशिष्ट क्षेत्र के राज्य ही प्राप्त कर सकते हैं, और जो विनिर्दिष्ट या सीमित उद्देश्यों के लिए गठित किये जाते हैं। ऐसे संगठनों के उदाहरण हैं-उत्तर अटलांटिक सन्धि संगठन (North Atlantic Treaty Organisation— NATO) तथा वारसा सन्धि संगठन (Warsaw Treaty Organisation), वारसा सन्धि (Warsaw Pact)

वैसे सामान्यतः अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का समय के साथ कई प्रकार के बदलाव किये गये और कई नये संगठनों का निर्माण किया गया जिनका कार्य सुरक्षा, राजनीतिक, सामाजिक एवंम् आर्थिक आदि मदद् करना।

हमारा प्रयास अंतर्राष्ट्रीय संगठन (International Organisation) की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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