नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 311 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 311, साथ ही इस धारा के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 311 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 311 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो भी कोई व्यक्ति ठगी करेगा, उसे आजीवन कारावास से दण्डित किया जाएगा, और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा, तो वह धारा 311 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
भारतीय दंड संहिता की धारा 311 के अनुसार-
दण्ड-
जो कोई ठग होगा, वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
Punishment-
Whoever is a thug, shall be punished with imprisonment for life, and shall also be liable to fine.
लागू अपराध
ठग होना।
सजा- आजीवन कारावास और जुर्माना ।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय, संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
यह अपराध सेशन न्यायालय द्वारा विचारणीय है।
जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 311 के अंतर्गत जो कोई ठग होगा, वह आजीवन कारावास से दण्डित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 311 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नहीं मिल सकेगी।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
ठग होना। | आजीवन कारावास और जुर्माना। | संज्ञेय | गैर-जमानतीय | सेशन न्यायालय |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 311 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।
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