आईपीसी की धारा 108A | भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण | IPC Section- 108A in hindi| Abetment in India of offences outside India.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 108A के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 108A साथ ही हम आपको IPC की धारा 108A सम्पूर्ण जानकारी एवम् परिभाषा इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 108A का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 108A के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो व्यक्ति किसी अपराध का दुष्प्रेरण इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराध का दुष्प्रेरण करता है, जो भारत से बाहर और उससे परे किसी ऐसे कार्य के किए जाने का भारत में दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध होगा, यदि भारत में किया जाए। तो यह धारा 108A भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण को परिभाषित करती है, भारतीय दण्ड संहिता की धारा 108A इसी विषय के बारे में बतलाती है।

आईपीसी की धारा 108A के अनुसार-

भारत से बाहर के अपराधों का भारत में दुष्प्रेरण-

वह व्यक्ति इस संहिता के अर्थ के अन्तर्गत अपराध का दुष्प्रेरण करता है, जो भारत से बाहर और उससे परे किसी ऐसे कार्य के किए जाने का भारत में दुष्प्रेरण करता है, जो अपराध होगा, यदि भारत में किया जाए।
दृष्टान्त
क, भारत में ख को, जो गोवा में विदेशीय है, गोवा में हत्या करने के लिए उकसाता है। क हत्या के दुष्प्रेरण का दोषी है।

Abetment in India of offences outside India-
A person abets an offence within the meaning of this Code who, in India, abets the commission of any act without and beyond India which would constitute an offence if committed in India.
Illustration
A, in India, instigates B, a foreigner in Goa, to commit a murder in Goa. A is guilty of abetting murder.

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 108A की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आप के पास कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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