धारा 125 का विवरण
भारतीय दंड संहिता की धारा 125 के अनुसार-
जो कोई 7[भारत सरकार] से मैत्री का या शांति का संबंध रखने वाली किसी एशियाई शक्ति की सरकार के विरुद्ध युद्ध करेगा या ऐसा युद्ध करने का प्रयत्न करेगा, या ऐसा युद्ध करने के लिए दुष्प्रेरण करेगा, वह 8[आजीवन कारावास] से, जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकेगा या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, जिसमें जुर्माना जोड़ा जा सकेगा या जुर्माने से दंडित किया जाएगा ।
इस धारा के अन्तर्गत मुख्य उद्देश्य भारत देश की सरकार के साथ किसी अन्य देश की सरकार के मैत्री संबंधों को और अधिक गहरा बनाने के लिए ऐसे अपराधियों को उचित कारावास का दंड देने के साथ – साथ आर्थिक दंड का प्रावधान करना है। यदि कोई व्यक्ति किसी ऐसे देश के खिलाफ युद्ध करने का प्रयत्न कर रहा है, या युद्ध करने का दुष्प्रेरण कर रहा है, या युद्ध कर रहा है, जो एशिया में आता है, और उसके भारत देश की सरकार के साथ मैत्री सम्बन्ध हैं।
धारा 125 के लिए सजा का प्रावधान
कोई व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा-125 के तहत अपराध करता है, तो वह कारावास की सजा का प्रावधान, जिसकी समय सीमा को 7 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और इस अपराध में आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है, जो कि न्यायालय आरोप की गंभीरता और आरोपी के इतिहास के अनुसार निर्धारित करता है।
भारतीय दंड संहिता की धारा 125 के अन्तर्गत बचाव
भारतीय दंड संहिता की धारा-125 का अपराध बहुत ही गम्भीर अपराध होता है , क्योंकि इस धारा के अंतर्गत अपने देश के अन्य देशों के साथ मैत्री संबंधों को बिगाड़ने की बात आती है, जिसमें इस अपराध के दोषी को धारा 125 के अनुसार उस अपराध की सजा दी जाती है, जो अपराधी देश के मैत्री संबंधों को खराब करने का अपराध करता है। ऐसे अपराध से किसी भी आरोपी का बच निकलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है, इसमें आरोपी को निर्दोष साबित कर पाना बहुत ही कठिन हो जाता है। इसलिये धारा-125 से बचने के लिये सबसे पहले जरूरी है कि किसी अच्छे वकील से सलाह ले वह ही आपके लिये बेहतर होगा । अगर वकील आपका तजुर्बेदार होगा तो उसे उसके आरोपो से मुक्त करा लेगा । इसलिये अच्छा वकील ऐसे मामलो मे चुने ।
ऐसे मामलो मे कोई व्यक्ति अगर ऐसे अपराध मे लिप्त होने के आरोपो ग्रसित है तो उसे बेहतर वकील से सलाह लेना ही लाभकारी सिद्ध होगा, अन्यथा वह दंड का भागीदार होगा ।