यह धारा हम सभी के लिए चर्चित विषय में है क्यों कि इस धारा को ब्रिटिश सरकार ने अपने फायदे के लिए 1860 में बनाई थी, जिसे 1870 में भारतीय संविधान के IPC में जोड़ दिया गया । वैसे यह धारा उतनी ही आवश्यक है, लेकिन गलत उपयोग भी बहुत किया जाता है । जब की भारतीय संविधान हम सभी को अपनी बात बोलने की आजादी 19(1A) में देता है। इस धारा के अंतर्गत जब सरकार किसी के ऊपर देशद्रोह का केस करती है, तो अधिकतर फर्जी होने के कारण निरस्त हो जाते है ।