आईपीसी की धारा 471 | कूटरचित दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख का असली के रूप में उपयोग में लाना | IPC Section- 471 in hindi| Using as genuine a forged document or electronic record.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 471 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 471 (IPC Section- 471 in hindi) के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 471 का विवरण

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 471 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई झूठे या कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग इस उद्देश्य से करता है, कि वह वित्तीय लेन-देन, गैर-क़ानूनी व्यवहार, जमीन खरीदने, नौकरी पाने, पासपोर्ट बनवाने, या अन्य किसी भी लाभ के लिये कूटरचना करता है, तो वह धारा 471 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

जो कोई व्यक्ति झूठे दस्तावेजों का उपयोग किसी लाभ के उद्देश्य से करता है, तो वह इस IPC Section- 471 in hindi के अन्तर्गत दोषी होगा।

आईपीसी की धारा 471 के अनुसार

कूटरचित दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख का असली के रूप में उपयोग में लाना-

जो कोई किसी ऐसी दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख को, जिसके बारे में वह यह जानता या विश्वास करने का कारण रखता हो कि वह कूटरचित दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख है, कपटपूर्वक या बेईमानी से असली के रूप में उपयोग में लाएगा, वह उसी प्रकार दण्डित किया जायेगा मानो उसने ऐसी दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख की कूटरचना की हो।

Using as genuine a forged document or electronic record-

Whoever fraudulently or dishonestly uses as genuine any document or electronic record which he knows or has reason to believe to be a forged document or electronic record, shall be punished in the same manner as if he had forged such document or electronic record.

लागू अपराध

कूटरचित दस्तावेज को, जिसके बारे में ज्ञात है कि वह कूटरचित है, असली के रूप में उपयोग में लाना।
सजा- ऐसी दस्तावेज की कूटरचना के लिए दंड।
जब कूटरचित दस्तावेज केंद्रीय सरकार का वचनपत्र हैं।
सजा- ऐसी दस्तावेज की कूटरचना के लिए दंड।
यह अपराध एक जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।

जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 471 के अंतर्गत जो कोई किसी ऐसी दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख को, जिसके बारे में वह यह जानता या विश्वास करने का कारण रखता हो कि वह कूटरचित दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख है, कपटपूर्वक या बेईमानी से असली के रूप में उपयोग में लाएगा, तो वह उसी प्रकार दण्डित किया जायेगा मानो उसने ऐसी दस्तावेज या इलेक्ट्रानिक अभिलेख की कूटरचना की हो।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 471 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में जमानतीय (Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत मिल सकेगी।

अपराधसजाअपराध श्रेणीजमानतविचारणीय
कूटरचित दस्तावेज को, जिसके बारे में ज्ञात है कि वह कूटरचित है, असली के रूप में उपयोग में लाना।ऐसी दस्तावेज की कूटरचना के लिए दंड।संज्ञेयजमानतीयप्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा
जब कूटरचित दस्तावेज केंद्रीय सरकार का वचनपत्र हैं।ऐसी दस्तावेज की कूटरचना के लिए दंड।संज्ञेयजमानतीयप्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 471 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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