नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 472 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 472 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 472 का विवरण
भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 472 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। जो कोई किसी मुद्रा, पट्टी या छाप लगाने के अन्य उपकरण को इस आशय से – बनायेगा या उसकी कूटकृति तैयार करेगा कि उसे कोई ऐसी कूटरचना करने के प्रयोजन के लिये उपयोग में लाया जाये जो, इस संहिता की धारा 467 के अधीन दण्डनीय है, या इस आशय से, किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी या अन्य उपकरण को, उसे कूटकृत जानते हुये अपने कब्जे में रखेगा, तो वह धारा 472 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।
आईपीसी की धारा 472 के अनुसार
धारा 467 के अधीन दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से कूटकृत मुद्रा, आदि का बनाना या कब्जे में रखना-
जो कोई किसी मुद्रा, पट्टी या छाप लगाने के अन्य उपकरण को इस आशय से बनायेगा या उसकी कूटकृति तैयार करेगा कि उसे कोई ऐसी कूटरचना करने के प्रयोजन के लिये उपयोग में लाया जाये जो, इस संहिता की धारा 467 के अधीन दण्डनीय है, या इस आशय से, किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी या अन्य उपकरण को, उसे कूटकृत जानते हुये अपने कब्जे में रखेगा, वह आजीवन कारावास से या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
Making or possessing counterfeit seal, etc., with intent to commit forgery punishable under Section 467-
Whoever makes or counterfeits any seal, plate or other instrument for making an impression, intending that, the same shall be used for the purpose of committing any forgery which would be punishable under Section 467 of this Code, or, with such intent, has in his possession any such seal, plate or other instrument, knowing the same to be counterfeit, shall be punished with imprisonment for life, or with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine.
लागू अपराध
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 467 के अधीन दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से मुद्रा, पट्टी, आदि बनाना या उनकी कूटकृति तैयार करना अथवा किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी आदि को, उसे कूटकृत जानते हुए, वैसे आशय से अपने कब्जे में रखना।
सजा- आजीवन कारावास या सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना।
यह अपराध एक जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 472 के अंतर्गत जो कोई किसी मुद्रा, पट्टी या छाप लगाने के अन्य उपकरण को इस आशय से बनायेगा या उसकी कूटकृति तैयार करेगा कि उसे कोई ऐसी कूटरचना करने के प्रयोजन के लिये उपयोग में लाया जाये जो, इस संहिता की धारा 467 के अधीन दण्डनीय है, या इस आशय से, किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी या अन्य उपकरण को, उसे कूटकृत जानते हुये अपने कब्जे में रखेगा, तो वह आजीवन कारावास से या दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी, दण्डित किया जाएगा, और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
जमानत (Bail) का प्रावधान
भारतीय दंड संहिता की धारा 472 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में जमानतीय (Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत मिल सकेगी।
अपराध | सजा | अपराध श्रेणी | जमानत | विचारणीय |
भारतीय दण्ड संहिता की धारा 467 के अधीन दण्डनीय कूटरचना करने के आशय से मुद्रा, पट्टी, आदि बनाना या उनकी कूटकृति तैयार करना अथवा किसी ऐसी मुद्रा, पट्टी आदि को, उसे कूटकृत जानते हुए, वैसे आशय से अपने कब्जे में रखना। | आजीवन कारावास या सात वर्ष के लिए कारावास और जुर्माना। | संज्ञेय | जमानतीय | प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा |
हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 472 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।