किशोर न्याय अधिनियम JJ Act (Juvenile Justice Act) की धारा -5 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। किशोर न्याय अधिनियम की धारा-5 मे किसी बच्चे की जांच प्रक्रिया के दौरान वह बच्चा 18 वर्ष को पूर्ण कर लेता है तो किशोर न्याय प्रक्रिया मे क्या बदलाव होगे, परिभाषित किया गया है।
किशोर न्याय अधिनियम की धारा- 5 हिन्दी एवंम् अग्रेंजी मे
उस व्यक्ति का स्थानन, जो जांच की प्रक्रिया के दौरान बालक नही रह जाता है- जहां इस अधिनियम के तहत किसी बच्चे के संबंध में जांच शुरू की गई है, और ऐसी जांच के दौरान बच्चा अठारह वर्ष की आयु पूरी कर लेता है, तो इस अधिनियम या किसी अन्य कानून में कुछ भी निहित होने के बावजूद बल, बोर्ड द्वारा जांच जारी रखी जा सकती है और ऐसे व्यक्ति के संबंध में आदेश पारित किए जा सकते हैं जैसे कि ऐसा व्यक्ति बच्चा बना रहा हो। Placement of person, who cease to be a child during process of inquiry- Where an inquiry has been initiated in respect of any child under this Act, and during the course of such inquiry, the child completes the age of eighteen years, then, notwithstanding anything contained in this Act or in any other law for the time being in force, the inquiry may be continued by the Board and orders may be passed in respect of such person as if such person had continued to be a child.
हमारा प्रयास किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act Section) की धारा 5 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।