नोटिस किसे कहते है?, लीगल नोटिस कैसे बनाये?, लीगल नोटिस किसे देंनी चाहिये और कैसे बनाये? | What is notice? How to Create a Legion Notice? Who should give legal notice? Who should give legal notice? And how to make?

आज हम आपको नोटिस से संबंधित पूर्ण जानकारी देंगे साथ ही हम आपको लीगल नोटिस के बारे मे भी बतायेंगे, साथ ही हमे लीगल नोटिस कब और किसे भेजना चाहिए, यह भी बताएंगे इसके अलावा इस लेख के माध्यम से लीगल नोटिस बनाने की प्रकिया एवंम् फार्मेट भी आपको देंगे।

नोटिस (Notice) क्या है?

नोटिस Notice एक तरह से किसी व्यक्ति को सूचित करना अथवा संचार का साधन है कि व्दियीय पक्ष व्दारा जो गलती या भूल हुयी है, जो जानबूझकर या भूलवश की गयी है और उसे तुरन्त ही सुधार मे लाया जाये, इसे अवगत कराना ही नोटिस है। अन्यथा वह लीगल कार्यवाही के लिये तैयार रहे। किसी नोटिस का उद्देश्य बस इतना ही होता है।

नोटिस का साधारण भाषा मे अर्थ- किसी व्यक्ति या संस्था के लिए एक औपचारिक संचार है, जो आपके इरादे के किसी दूसरे पक्ष को उनके बारे में कानूनी कार्यवाही करने के लिए सूचित करता है और एक सुधार करने का एक आखरी मौका देने से है।

इसके अलावा जब नोटिस, किसी व्यक्ति को भेजी जाती है, तो कानूनी कार्यवाही से पहले उस व्यक्ति को उसको इरादे को के बारे अवगत कराने से है कि उसने प्रथम पक्ष के साथ क्या और क्यों किया है और इस प्रकार, प्रथम पक्ष आपकी शिकायत से अवगत कराता है। कई बार, एक कानूनी नोटिस जो दूसरी सेवा प्रदान करता है और समस्या को अदालत से बाहर भी हल किया जा सकता है, दोनों पक्षों में फलदायक चर्चा के साथ हल भी हो सकता हैं। यदि व्दितीय पक्ष उस नोटिस के अनुपालन मे सुधार करे।

वैसे नोटिस भेजना प्रत्येक मामले में लागू होता है, हालांकि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा आपकी बात नही सुनी या नही मानी अथवा आपके साथ किसी तरह से बेईमानी की गयी है, तो हम उन्हे कारण बताओ नोटिस भी भेज सकते है।

लीगल नोटिस (Legal Notice) क्या है और कब दिया जाता है?

लीगल नोटिस (Legal Notice) भी एक तरह से साधारण नोटिस की तरह ही होती है, यदि किसी व्यक्ति ने किसी व्यक्ति पैसों को लेकर बेईमानी किया है अथवा किसी तरह से पैसे न देने उद्देश्य से चेक बाउंस करा दिया है या किसी रूप मे आपके साथ सामने वाले व्यक्ति ने धोखा-धड़ी किया है तो भी हम उसे उस गलती को सुधार के उद्देश्य से व्दितीय पक्ष को एक नोटिस भेज कर उसके इरादो को अवगत कानूनी कार्यवाही करने के लिए सूचित करना होता है और एक सुधार करने का एक आखरी मौका देंगे।

वैसे लीगल नोटिस जिस व्यक्ति के साथ किसी तरह से धोखाधड़ी हुई है अथवा किसी ने किसी तरह से द्वितीय पक्ष को परेशान करने के उद्देश्य से कोई ऐसा कार्य किया है, जिससे उस को किसी को भारी नुकसान हुआ है अथवा पैसे को लेकर हेर-फेर किया है, तो हर व्यक्ति का यह अधिकार है कि वह उसे उस गलती को सुधार करने का एक मौका दिया जाये, और उसे एक निश्चित समय उत्तर देने के लिए प्रदान किया जाये।

यदि एक लीगल नोटिस भेजने के पश्चात् यदि वह नोटिस द्वितीय पक्ष रिसीव कर लेता है और फिर भी कोई उत्तर समय से नही देता है या आपकी नोटिस को रिसीव भी नहीं करता है, तो एक बार पुनः रिमाइंडर नोटिस भेज सकते है, और यदि फिर भी द्वितीय पक्ष द्वारा उत्तर दिया जाता है, तो आप उस द्वितीय पक्ष के खिलाफ लीगल कार्यवाही करने के लिए तत्पर हो जायेंगे।

लीगल नोटिस का प्रारूप (Legal Notice Format)


चेक बाउंस नोटिस

चेक के अनादर के मामले में, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट की धारा 138 के तहत कानूनी नोटिस दायर किया जाता है।

चेक के अनादर के मामले में नमूना कानूनी नोटिस:

पंजीकृत एडी

कानूनी नोटिस

दिनांक:

मिस्टर ……………, (प्राप्तकर्ता का नाम और पता।)

श्रीमान,

मेरे मुवक्किल श्री …………… के निर्देश और अधिकार के तहत, मैं नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 की धारा 138 के तहत आपको निम्नलिखित नोटिस देता हूं:-

यहकि मेरे मुवक्किल और आप एक दूसरे को पिछले 4 साल से आपसे व्यापार कर रहे है। आप व्दारा मुझसे रू0 …………….. दिनांक ……… को उधार का माल खरीदा गया था, और आप व्दारा कहा गया था कि लगभग् 1 माह के अन्दर हम आपका भुगतान कर देगे।

यहकि मेरे मुवक्किल ने आपको पैसे चुकाने का पर्याप्त अवसर प्रदान किया, किन्तु आप व्दारा न तो पैसा दिया और न ही मेरे मुवक्किल का फोन उठाया गया। आपके इस व्यवहार के कारण मेरे मुवक्किल व्दारा आपके व्यापार स्थल पर अपने बकाया रूपये लेने आये, तो आप व्दारा उन्हे एक बैंक चेक दे दिया, जो बैंक व्दारा अनादर कर वापस कर दिया गया था।

यहकि इससे पहले, भी आप व्दारा अपनी देनदारी का निर्वहन समय पर किया जा रहा था। उपरोक्त बिल के सम्बन्ध मे आप व्दारा रू0 ……………….. का चेक दिनांक ………. को जारी किया था।

यहकि मेरे मुवक्किल द्वारा चेक को भुनाने के लिए प्रस्तुत किया गया था, तो आपके बैंक खाते मे “अपर्याप्त धन” न होने के कारण बैंकर द्वारा बिना भुगतान किए वापस कर दिया गया था। मेरे मुवक्किल ने आपको इसके बारे में टेलीफोन के माध्यम से सूचित किया। (तथ्यों का विवरण)

यहकि आपको काफी समय प्रदान करने के बावजूद भी, आप मेरे मुवक्किल को देय राशि का भुगतान करने में विफल रहे। आपने मामले से बचने की कोशिश की। यही कारण है कि मेरे मुवक्किल के पास आपको कानूनी नोटिस देने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है। (कार्रवाई का कारण)

यहकि आप कानून के प्रावधानों का पालन करने में विफल रहे हैं और अपने खाते से अपनी देनदारी का निर्वहन करने में भी विफल रहे हैं और वही चेक जानबूझकर और जानबूझकर अस्वीकृत किया गया था।

यहकि या तो आप अगले 15 दिनों में मेरे मुवक्किल के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन करें या आपके खिलाफ आपराधिक और दीवानी आरोप तय किए जाएंगे, और आपको कारावास की सजा हो सकती है जो दो साल तक बढ़ सकती है, या जुर्माने के साथ जो राशि का दोगुना हो सकता है चेक से, या दोनों के साथ। (राहत का दावा और कानूनी आधार)

…………………. (एडवोकेट)

किसी व्यक्ति ने आपसे माल खरीदा लेकिन समय से उस माल का भुगतान नहीं किया।

पैसे समय से न देने के नोटिस प्रेषित

नोटिस पंजीकृत

दिनांक- …….

प्रेषककर्ता- श्री ………………………… पुत्र श्री ……………..  निवासी ……………………….. 

मेसर्स- …………………………………..
महोदय,

1- हस्व हिदायत अपने मुवक्किल श्री ………………………… पुत्र …………………… व्दारा उपलब्ध करायी जानकारी पर आपको निम्न नोटिस प्रेषित की जा रही है ।

2- यहकि मेरे मुवक्कील …………………………….. का कार्य करते है। मेरे मुवक्किल व्दारा आपकी फर्म/कम्पनी …………………………… जीएसटी नं0- ………………….  को बिल सं0 …… दिनांक ………………… के माध्यम से रू0 ……………….. वस्तु की बिक्री की गयी थी।

3- यहकि उक्त जारी बिल विधिवत् रूप से जारी किया गया है जिसका इन्द्राज लेखापुस्तको  मे भी विधिवत् रूप से किया गया है यहकि आपके व्दारा उक्त बिल का माल प्राप्त कर हस्ताक्षर भी किये गये है परन्तु इसके बावजूद आज दिनांक …………………. व्दारा उक्त बिल का भुगतान मेरे मुवक्किल को प्राप्त नही हुआ है।

4- यहकि मेरे मुवक्किल व्दारा आपके कई बार उक्त बिल के भुगतान के लिये कहा गया परन्तु आपकी गतिविधि व टाल मटोल करने के उपरान्त भी अभी तक भुगतान न करने की नियत यह प्रमाणित करती है कि आप भुगतान नही करना चाहते, आपका यह कृत्य धोखा-धडी पूर्ण एवंम् दोषपूर्ण कृत्य है।

अतएव आपको इस नोटिस व्दारा सूचित किया जाता है कि आप इस नोटिस प्राप्ति के 15 दिनो के अन्दर आप बिल सं0 ………. दिनांक ………….. का भुगतान करना सुनिश्चित् करे अन्यथा विवश होकर मेरे मुवक्किल व्दारा आप पर (Suit of Rendition of Accounts Order 20 Rule 13 CPC) के आधार पर न्यायालय मे, आपके विरूद्ध वाद दाखिल किया जायेगा। जिसके समस्त हर्जे खर्चे की जिम्मेदारी आपको व्यय करनी होगी।

भवदीय
……………………… (एडवोकेट)

इसी तरह से जो कारण बताओ नोटिस भी बनाई जा सकती है, वैसे लगभग् सारी नोटिस इसी प्रारूप के अनुसार कारण बिंदु देकर द्वितीय पक्ष को नोटिस भेज कर कोर्ट के बाहर या अपनी सुविधानुसार समझौता किया जा सकता हैं।

उपरोक्त लेख में नोटिस के संबंध में अगर आपके मन मे कोई सवाल हो तो आप कॉमेंट बॉक्स में पूछ सकते है।

Leave a Comment