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मोटर वाहन अधिनियम की धारा 192 | रजिस्ट्रीकरण के बिना यान का उपयोग | MV Act, Section- 192 in hindi | Using vehicle without registration.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 192 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 192, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 192 का विवरण

मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -192 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के अधीन किसी मोटर यान को चलाएगा अथवा मोटर यान का उपयोग कराएगा या किए जाने देगा, वह प्रथम अपराध के लिए जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, किन्तु दो हजार रुपए से कम का नहीं होगा, दंडनीय होगा तथा किसी द्वितीय या पश्चात्वर्ती अपराध के लिए कारावास से दंडनीय होगा।

मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 192 के अनुसार

रजिस्ट्रीकरण के बिना यान का उपयोग-

(1) जो कोई धारा 39 के उपबंधों के उल्लंघन में, किसी मोटर यान को चलाएगा अथवा मोटर यान का उपयोग कराएगा या किए जाने देगा, वह प्रथम अपराध के लिए जुर्माने से, जो पांच हजार रुपए तक का हो सकेगा, किन्तु दो हजार रुपए से कम का नहीं होगा, दंडनीय होगा तथा किसी द्वितीय या पश्चात्वर्ती अपराध के लिए कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष तक की हो सकेगी या जुर्माने से, जो दस हजार रुपए तक का हो सकेगा, किन्तु पांच हजार रुपए से कम का नहीं होगा, अथवा दोनों से, दण्डनीय होगा :
परन्तु न्यायालय ऐसे कारणों से जो लेखबद्ध किए जाएंगे, कोई लघुतर दण्ड अधिरोपित कर सकेगा।
(2) इस धारा की कोई बात आपात के दौरान ऐसे व्यक्तियों को ले जाने के लिए, जो रोग से या क्षति से ग्रस्त है या कष्ट निवारण के लिए खाद्य या सामग्रियों के या वैसे ही प्रयोजन के लिए चिकित्सीय प्रदायों के परिवहन के लिए मोटर यान के उपयोग के संबंध में लागू नहीं होगी :
परन्तु यह तब जबकि वह व्यक्ति, जो यान का उपयोग कर रहा है, उसके बारे में रिपोर्ट प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण को ऐसे उपयोग की तारीख से सात दिन के भीतर दे दे।
(3) वह न्यायालय, जिसमें उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट प्रकृति के अपराध की बाबत किसी दोषसिद्धि की अपील होती है, निचले न्यायालय द्वारा किए गए किसी आदेश को, इस बात के होते हुए भी अपास्त कर सकेगा या परिवर्तित कर सकेगा कि उस दोषसिद्धि के विरुद्ध, जिसके संबंध में ऐसा आदेश किया गया था कोई अपील नहीं होती है ।
स्पष्टीकरण- धारा 56 के उपबंधों के उल्लंघन में मोटर यान का उपयोग धारा 39 के उपबंधों का उल्लंघन होना समझा जाएगा और उपधारा (1) में यथा उपबंधित वैसी ही रीति में दंडनीय होगा।

Using vehicle without registration-
(1) Whoever drives a motor vehicle or causes or allows a motor vehicle to be used in contravention of the provisions of section 39 shall be punishable for the first offence with a fine which may extend to five thousand rupees but shall not be less than two thousand rupees for a second or subsequent offence with imprisonment which may extend to one year or with fine which may extend to ten thousand rupees but shall not be less than Five thousand rupees or with both :
Provided that the Court may, for reasons to be recorded, impose a lesser punishment.
(2) Nothing in this section shall apply to the use of a motor vehicle in an emergency for the conveyance of persons suffering from sickness or injuries or for the transport of food, or materials to relieve distress or of medical supplies for a like purpose :
Provided that the person using the vehicle reports about the same to the Regional Transport Authority within seven days from the date of such use.
(3) The court to which an appeal lies from any conviction in respect of an offence of the nature specified in sub-section (1), may set aside or vary any order made by the court below, notwithstanding that no appeal lies against the conviction in connection with which such order was made.
Explanation- Use of a motor vehicle in contravention of the provisions of section 56 shall be deemed to be a contravention of the provisions of section 39 and shall be punishable in the same manner as provided in sub-section (1).

हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 192 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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