आज हम मोटर वाहन अधिनियम 1988 (Motor Vehicle Act 1988) सम्बन्धी जानकारी जैसे जुर्माना और दंड कब, क्यो लगता है और कब कब इस अधिनियम मे संसोधन किये गये है। इसके अलावा यह अधिनियम क्यो बनाया गया इसका मुख्य उद्देश्य क्या था, इस कानून को बनाने के मुख्य कारण क्या था। इस कानून मे कितनी धाराये है और कैसे क्या अर्थदण्ड का प्रावधान है। यह सभी जानकारी आज हम लेख के माध्यम से समझेंगे।
हम सभी जानते है हर देश मे मोटर वाहन चलते है, इन्हे कैसे चलाना है और कैसे कानून का पालन भी करना है यह अधिनियम हमे बताता है मोटर वाहन अधिनियम प्रत्येक देश मे अपने अलग-अलग होते है। हमारे भारत देश मे मोटर वाहन अधिनियम 1988 भी इसी कारण बनाया गया। यह कानून प्रत्येक नागरिक को अपने मोटर वाहन सड़क परिवहन नियम को फॉलो करने के लिये भी बनाया गया है। इस कानून के अन्तर्गत सड़क परिवहन वाहनों के प्रत्येक पहलुओं को नियन्त्रित करता है जैसे वाहन का रजिस्ट्रेशन, ड्राइवर एवंम् कडंक्टरों के लाइसेंस, वाहनो को परमिट देना, बीमा जैसे प्रावधानों को यह अधिनियम बताता है।
मोटर वाहन अधिनियम का ढंग से पालन भी हो इसके लिये इस अधिनियम मे अर्थदण्ड का प्रावधान किया गया है, हमारे देश मे बहुत से लोग एक्सीडेन्ट का शिकार इसी कारण से हो जाते है, कि वे गलत तरीके से इस अधिनियम का उलंघन करके अपने वाहन को चलाते है, जिसकी वजह से कभी कभी, किसी व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है इसलिये इस अधिनियम मे सख्ती लाने के लिये दंड का प्रावधान भी जोड़ा गया है।
मोटर वाहन अधिनियम 1988 क्या है?
मोटर वाहन अधिनियम 1988 (Motor Vehicle Act 1988) भारत के संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है, जिसे केन्द्रीय मोटर वाहन अधिनियम भी कहते है। जो सड़क परिवहन वाहनों के सभी पहलुओं को नियंत्रित करता है। मोटर वाहन अधिनियम में ड्राइवर / कंडक्टरों के लाइसेंस, मोटर वाहनों के पंजीकरण, परमिट के माध्यम से मोटर वाहनों पर नियंत्रण, राज्य परिवहन उपक्रमों से संबंधित विशेष प्रावधान, यातायात विनियमन, बीमा, देयता, अपराध और दंड, आदि के बारे में विधायी प्रावधान दिए गए हैं। यह कानून सम्पूर्ण भारत पर लागू होता है।
यह अधिनियम सड़क परिवहन वाहनों पर लागू होता है कि अपने वाहन को कैसे चलाना है और वाहन चलाने के लिये हमे कौन कौन से कागज की भी अवश्यकता पड़ेगी इसके अलावा वाहन चलाते समय इस बात का ध्यान भी रखना आवश्यक है कि हम कही इस अधिनियम का उलंघन तो नही कर रहे है और यदि कोई व्यक्ति इस कानून का उलंघन करता है, तो वह अर्थदण्ड एवंम् दंड अथवा दोनों का भागीदार होगा।
मोटर वाहन अधिनियम संसोधन 2019
मोटर वाहन अधिनियम में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के उद्देश्य से सरकार ने बेहद कठोर प्रावधान रखे हैं। 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं। संसद की स्थायी समिति ने इन सिफारिशों की विस्तार से जाँच की और समिति की रिपोर्ट के आधार पर इन्हें अधिनियम में शामिल किया गया है। इस अधिनियम में केंद्र सरकार के लिये मोटर वाहन दुर्घटना कोष के गठन की बात कही गई है जो भारत में सड़क का उपयोग करने वालों को अनिवार्य बीमा कवर प्रदान करेगा। इस अधिनियम में यातायात के नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।
सड़क दुर्घटना पीड़िता को मुवाजना देने की बात की गयी है, इसके अलावा पीड़ित को कैशलेस उपचार करने की योजना विकसित की गयी। अधिनियम के अनुसार, ‘गोल्डन आवर’ घातक चोट के बाद की एक घंटे की समयावधि होती है जब तत्काल मेडिकल देखभाल से मृत्यु से बचाव की संभावना सबसे अधिक होती है। केंद्र सरकार थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के अंतर्गत मुआवज़े का दावा करने वालों को अंतरिम राहत देने की बात कही गयी है। अधिनियम में हिट एंड रन के मामलों में न्यूनतम मुआवज़े को बढ़ा दिया गया है।
(i) मृत्यु की स्थिति में 25,000 रुपए से बढ़ाकर 2,00,000 रुपए और
(ii) गंभीर चोट की स्थिति में 12,500 से बढ़ाकर 50,000 रुपए।
इस योजना के अन्तर्गत दुर्घटना के दौरान वाहन का बीमा होना अनिवार्य है। इस योजना का लाभ मोटर वाहन दुर्घटना कोष व्यय करेगी। योजना के महत्वपूर्ण स्थितियों मे उपयोग किया जा सकेगा
- गोल्डन आवर योजना के अंतर्गत सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों का उपचार।
- हिट और रन मामलों में मौत का शिकार होने वाले लोगों के प्रतिनिधियों को मुआवज़ा देना।
- हिट और रन मामलों में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को मुआवज़ा देना और
- केंद्र सरकार द्वारा विनिर्दिष्ट किये गए व्यक्तियों को मुआवज़ा देना।
मोटर वाहन अधिनियम के तहत अपराध एवंम् अर्थदंड एवंम् दंड का प्रावधान
मोटर वाहन अधिनियम के अन्तर्गत जो कोई व्यक्ति उलंघन करेगा, जुर्माना एवंम् दंड से दण्डित किया जायेगा। अर्थदंड का प्रावधान मे अगर कोई प्रदेश बदलाव करना चाहती है, तो प्रदेश सरकार बदलाव कर सकती है इसके अलावा अब नये अर्थदंड मे बदलाव एवंम् अन्य नये नियम मे भी बदलाव किये गये है। जो निम्न प्रकार है-
धारा | अपराध | पुराना जुर्माना | नया जुर्माना |
177 | सामान्य | 100 रूपये | 500 रूपये |
177A | सड़क विनियमन उलंघन | 100 रूपये | 500 रूपये |
178 | बिना टिकट यात्रा | 200 रूपये | 500 रूपये |
179 | अधिकारियों के आदेशों की अवज्ञा | 500 रूपये | 2000 रूपये |
180 | बिना लाइसेंस वाहनों का अनधिकृत प्रयोग | 1000 रूपये | 5000 रूपये |
181 | बिना लाइसेंस ड्राइविंग | 500 रूपये | 5000 रूपये |
182 | आयोग्यता के बावजूद वाहन चालन | 500 रूपये | 10000 रूपये |
182B | आकार से बड़े वाहन | नही (नया बदलाव) | 5000 रूपये |
183 | गति से ऊपर चलाना | 400 रूपये | 1000 रूपये एलएमवी के लिये 2000 रूपये मध्य रात्रि वाहन |
184 | खतरनाक ड्राइविंग पर जुर्माना | 1000 रूपये | 5000 रूपये तक |
185 | शराब पीकर ड्राइविंग | 2000 रूपये | 10000 रूपये |
189 | स्पीडिंग/रेसिंग | 500 रूपये | 5000 रूपये |
192A | बिना परमिट वाहन | 5000 रूपये तक | 10000 रूपये तक |
193 | लाइसेंस शर्तो का उलंघन | नही (नया बदलाव) | 25000 रूपये से 100000 रूपये |
194 | ओवरलोडिंग | 2000 रूपये और 1000 रू प्रति अतिरिक्त टन | 20000 रूपये और 2000 रू प्रति अतिरिक्त टन |
194A | यात्रियों की ओवरलोडिंग | नही (नया बदलाव) | 1000 अतिरिक्त यात्री |
194B | सीट बेल्ट | 100 रूपये | 1000 रूपये |
194C | दुपहिया की ओवरलोडिंग | 100 रूपये | 2000 रूपये, 3 माह के लिये लाइसेंस रद्द |
194D | हेलमेट | 100 रूपये | 1000 रूपये, 3 माह के लिये लाइसेंस रद्द |
194E | आपालकालीन वाहनों को मार्ग न देना | नही (नया बदलाव) | 10000 रूपये |
196 | बिना बीमा वाहन चलाना | 1000 रूपये | 2000 रूपये |
199 | किशोरों व्दारा अपराध | नही (नया बदलाव) | अभिवावक/वाहन स्वामी दोषी माना जायेंगा। 25000 का दंड 3 साल का कारावास। किशोर पर जेजे एक्ट के तहत केस और वाहन का पंजीकरण भी रद्द |
206 | दस्तावेज जब्त करने की अधिकारियों की शक्ति | नही (नया बदलाव) | धारा 183, 184, 185,189, 190, 194C, 194D, और 194E के तहत ड्राइविंग लाइसेेंस रद्द |
210B | नियुक्त अधिकारियों व्दारा किये अपराध | नही (नया बदलाव) | प्रासंगिक धारा के अंतर्गत दो गुना जुर्माना |
मोटर वाहन अधिनियम 1988 में कुल कितनी धाराएं हैं?
मोटर वाहन अधिनियम मे वर्तमान मे कुल 223 धाराये है, जिन्हे 14 अध्यायों मे विभाजित किया गया है। इस अधिनियम मे सरकार व्दारा समय समय से कई बदलाव किये गये है।
1 – संक्षिप्त नाम, विस्तार और प्रारंभ (Short title, extent and commencement)
2A – ई-गाड़ी या ई-रिक्शा (E-Cart and E-Rickshaw)
2B – नवपरिवर्तन का संवर्धन (Promotion of innovation)
3 – चालन-अनुज्ञप्ति की आवश्यकता (Necessity for driving licence)
4 – मोटर यान चलाने के संबंध में आयु सीमा (Age limit in connection with driving of motor vehicles)
6 – चालन-अनुज्ञप्तियाँ धारण करने पर निबंधन (Restrictions on the holding of driving licences)
8 – शिक्षार्थी अनुज्ञप्ति का दिया जाना (Grant of learner’s licence)
9 – चालन-अनुज्ञप्ति का दिया जाना (Grant of driving licence)
10 – चालन-अनुज्ञप्ति का प्ररूप और अंतर्वस्तु (Form and contents of licences to drive)
11 – चालन-अनुज्ञप्ति में परिवर्धन (Additions to driving licence)
15 – चालन-अनुज्ञप्तियों का नवीकरण (Renewal of driving licences)
20 – न्यायालय की निरर्हित करने की शक्ति (Power of Court to disqualify)
21 – कुछ मामलो में चालन-अनुज्ञप्ति का निलंबन (Suspension of driving licence in certain cases)
23 – निरर्हता आदेश का प्रभाव (Effect of disqualification order)
25A – चालन अनुज्ञप्तियों का राष्ट्रीय रजिस्टर (National Register of Driving Licences)
27 – केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of Central Government to make rules)
28 – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of State Government to make rules)
29 – कंडक्टर अनुज्ञप्ति की आवश्यकता (Necessity for conductor’s licence)
30 – कंडक्टर अनुज्ञप्ति का दिया जाना (Grant of conductor’s licence)
34 – अनुज्ञापन प्राधिकारी की निरर्हित करने की शक्ति (Power of licensing authority to disqualify)
35 – न्यायालय की निरर्हित करने की शक्ति (Power of Court to disqualify)
38 – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of State Government to make rules)
39 – राजस्ट्रीकरण की आवश्यकता (Necessity for registration)
40 – राजस्ट्रीकरण कहां किया जाना है (Registration, where to be made)
41 – रजिस्ट्रीकरण कैसे होता है (Registration, how to be made)
43 – अस्थायी रजिस्ट्रीकरण (Temporary Registration)
46 – रजिस्ट्रीकरण की भारत में प्रभावशीलता (Effectiveness in India of registration)
48 – आक्षेप न होने का प्रमाण-पत्र (No objection certificate)
49 – निवास-स्थान या कारबार के स्थान का परिवर्तन (Change of residence or place of business)
50 – स्वामित्व का अंतरण (Transfer of ownership)
52 – मोटरयान में परिवर्तन (Alteration in motor vehicle)
53 – रजिस्ट्रीकरण का निलंबन (Suspension of registration)
55 – रजिस्ट्रीकरण का रद्द किया जाना (Cancellation of registration)
56 – परिवहन यानों के ठीक हालत में होने का प्रमाण-पत्र (Certificate of fitness of transport vehicles)
58 – परिवहन यानों के बारे में विशेष उपबंध (Special provisions in regard to transport vehicles)
59 – मोटर यान की आयु सीमा नियत करने की शक्ति (Power to fix the age limit of motor vehicle)
61 – अध्याय का ट्रेलरों को लागू होना (Application of Chapter to trailers)
62B – मोटर यानों का राष्ट्रीय रजिस्टर (National Register of Motor Vehicles)
63 – राज्य मोटर यान संबंधी रजिस्टरों का रखा जाना (Maintenance of State Registers of motor vehicles)
64 – केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Powers of the Central Government to make rules)
65 – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of the State Government to make rules)
66 – परमिटों की आवश्यकता (Necessity for permits)
66A – राष्ट्रीय परिवहन नीति (National Transportation Policy)
68 – परिवहन प्राधिकरण (Transport Authorities)
69 – परमिटों के लिए आवेदनों संबंधी साधारण उपबंध (General provision as to applications for permits)
70 – मंजिली-गाड़ी परमिट के लिए आवेदन (Application for stage carriage permit)
72 – मंजिली-गाड़ी परमिटों का दिया जाना (Grant of stage carriage permits)
73 – ठेका गाड़ी परमिट के लिए आवेदन (Application for contract carriage permit)
74 – ठेका गाड़ी परमिट का दिया जाना (Grant of contract carriage permit)
75 – मोटर टैक्सियों को किराए पर देने के लिए स्कीम (Scheme for renting of motorcabs)
76 – प्राइवेट सेवा यान परमिट के लिए आवेदन (Application for private service vehicle permit)
77 – माल वाहन परमिट के लिए आवेदन (Application for goods carriage permit)
79 – माल वाहन परमिट का दिया जाना (Grant of goods carriage permit)
81 – परमिटों की अस्तित्वावधि और उनका नवीकरण (Duration and renewal of permits)
82 – परमिट का अंतरण (Transfer of permit)
83 – यानों का बदला जाना (Replacement of vehicles)
84 – सभी परमिटों से संलग्न साधारण शर्ते (General conditions attaching to all permits)
85 – परमिटों का साधारण प्ररूप (General form of permits)
86 – परमिटों का रद्द किया जाना और उनका निलंबन (Cancellation and suspension of permits)
87 – अस्थाई परमिट (Temporary permits)
91 – ड्राइवरों के काम के घंटों के बारे में निबंधन (Restriction of hours of work of drivers)
94 – सिविल न्यायालयों की अधिकारिता का वर्जन (Bar on jurisdiction of Civil Courts)
100 – प्रस्थापना पर आपत्ति (Objection to the proposal)
102 – स्कीम का रद्द या उपांतरित किया जाना (Cancellation or modification of scheme)
103 – राज्य परिवहन उपक्रमों को परमिट दिया जाना (Issue of permits to State transport undertakings)
106 – यानों में पाई गई वस्तुओं का व्ययन (Disposal of articles found in vehicles)
107 – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of State Government to make rules)
110 – केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of Central Government to make rules)
110A – मोटर यानों का वापस बुलाना (Recall of motor vehicles)
110B – किस्म – अनुमोदन प्रमाणपत्र और परीक्षण अभिकरण (Type-approval certificate and testing agencies)
111 – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of State Government to make rules)
112 – गति सीमा (Limits of speed)
114 – यान तुलवाने की शक्ति (Power to have vehicle weighed)
115 – यानों का उपयोग निर्बंधित करने की शक्ति (Power to restrict the use of vehicles)
116 – यातायात चिह्न लगवाने की शक्ति (Power to erect traffic signs)
117 – पार्किंग-स्थल और विराम स्थल (Parking places and halting stations)
118 – चालान विनियम (Driving regulations)
119 – यातायात चिन्हों का अनुसरण करने का कर्त्तव्य (Duty to obey traffic signs)
120 – बाई ओर के नियंत्रण वाले यान (Vehicles with left hand control)
121 – संकेत और संकेतन युक्तियां (Signals and signaling devices)
122 – यान को खतरनाक स्थिति में छोड़ना (Leaving vehicle in dangerous position)
123 – रनिंग बोर्ड आदि पर सवारी करना (Riding on running board, etc.)
125 – ड्राइवर को बाधा (Obstruction of driver)
126 – खड़े यान (Stationary vehicles)
129 – सुरक्षात्मक सिर के पहनावे का पहना जाना (Wearing of protective headgear)
132 – कुछ दशाओं में ड्राइवर का रोकने का कर्तव्य (Duty of driver to stop in certain cases)
134A – नेक व्यक्ति की संरक्षा (Protection of Good Samaritans)
136 – दुर्घटनाग्रस्त यान का निरीक्षण (Inspection of vehicle, involved in accident)
137 – केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of Central Government to make rules)
138 – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of State Government to make rules)
139 – केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of Central Government to make rules)
140 to 144 – विलोपित – Omitted
147 – नीतियों की अपेक्षा और दायित्व की सीमाएं (Requirement of policies and limits of liability)
152 – बीमा के संबंध में सूचना देने का कर्तव्य (Duty to give information as to insurance)
155 – कतिपय वाद हेतुकों पर मृत्यु का प्रभाव (Effect of death on certain causes of action)
156 – बीमा प्रमाणपत्र का प्रभाव (Effect of certificate of insurance)
157 – बीमा के प्रमाणपत्र का अंतरण (Transfer of certificate of insurance)
159 – दुर्घटना के संबंध में सूचना का दिया जाना (Information to be given regarding accident)
162 – स्वर्णिम काल के लिए स्कीम (Scheme for golden hour)
164A – दावाकर्ताओं के लिए अंतरिम अनुतोष हेतु स्कीम (Scheme for interim relief for claimants)
164B – मोटरयान दुघर्टना निधि (Motor Vehicle Accident Fund)
164C – केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of Central Government to make rules)
164D – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of State Government to make rules)
165 – दावा अधिकरण (Claims Tribunals)
166 – प्रतिकर के लिए आवेदन (Application for compensation)
168 – दावा अधिकरणों का अधिनिर्णय (Award of the Claims Tribunal)
169 – दावा अधिकरणों की प्रक्रिया और शक्तियां (Procedure and powers of Claims Tribunals)
170 – कतिपय मामलों में बीमाकर्ता को पक्षकार बनाया जाना (Impleading insurer in certain cases)
171 – जहां दावा मंजूर किया गया है वहां ब्याज दिलाना (Award of interest where any claim is allowed)
172 – कतिपय मामलों में प्रतिकरात्मक खर्चे दिलाना (Award of compensatory costs in certain cases)
175 – सिविल न्यायालयों की अधिकारिता का वर्जन (Bar on jurisdiction of Civil Courts)
176 – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of State Government to make rules)
177 – अपराधों के दण्ड के लिए साधारण उपबंध (General provision for punishment of offences)
182 – अनुज्ञप्ति संबंधी अपराध (Offences relating to licences)
182B – धारा 62क के उल्लंघन के लिए दंड (Punishment for contravention of section 62A)
183 – अत्यधिक गति आदि से चलाना (Driving at excessive speed, etc.)
184 – खतरनाक तरीके से मोटर यान चलाना (Driving dangerously)
187 – दुर्घटना संबंधी अपराधों के लिए दण्ड (Punishment for offences relating to accident)
188 – कतिपय अपराधों का दुष्प्रेरण करने के लिए दण्ड (Punishment for abetment of certain offences)
189 – दौड़ और गति का मुकाबला (Racing and trials of speed)
190 – असुरक्षित दशा वाले यान का उपयोग किया जाना (Using vehicle in unsafe condition)
192 – रजिस्ट्रीकरण के बिना यान का उपयोग (Using vehicle without registration)
192A – परमिट के बिना यान का उपयोग (Using vehicle without permit)
192B – रजिस्ट्रीकरण से संबंधित अपराध (Offences relating to registration)
194 – अनुज्ञेय भार से अधिक भार वाले यान को चलाना (Driving vehicle exceeding permissible weight)
194A – अधिक यात्रियों का वहन (Carriage of excess passengers)
194B – सुरक्षा बेल्टों का उपयोग और बालकों का बैठना (Use of safety belts and the seating of children)
194D – सिर के सुरक्षा पहनावे को न पहनने के लिए शास्ति (Penalty for not wearing protective headgear)
194F – हार्न और ध्वनिमंद क्षेत्र (Use of horns and silence zones)
196 – बीमा न किए गए यान को चलाना (Driving uninsured vehicle)
197 – प्राधिकार के बिना यान ले जाना (Taking vehicle without authority)
198 – यान में अनधिकृत हस्तक्षेप (Unauthorised interference with vehicle)
198A – सड़क डिजाइन, संनिर्माण और रख-रखाव के मानकों का अनुपालन करने में असफल रहना (Failure to comply with standards for road design, construction and maintenance)
199 – कंपनियों द्वारा अपराध (Offences by companies)
199A – किशोर द्वारा अपराध (Offences by Juveniles)
199B – जुर्मानों का पुनरीक्षण (Revision of fines)
200 – कतिपय अपराधों का शमन (Composition of certain offences)
201 – यातायात के मुक्त प्रवाह में अवरोध डालने के लिए शास्ति (Penalty for causing obstruction to free flow of traffic)
202 – वारण्ट के बिना गिरफ्तार करने की शक्ति (Power to arrest without warrant)
203 – श्वास-परीक्षण (Breath tests)
204 – प्रयोगशाला परीक्षण (Laboratory test)
205 – मोटर यान चलाने की अयोग्यता की उपधारणा (Presumption of unfitness to drive)
206 – पुलिस अधिकारी की दस्तावेज परिबद्ध करने की शक्ति (Power of police officer to impound document)
207 – रजिस्ट्रीकरण प्रमाण-पत्र, परमिट, आदि के बिना उपयोग किए गए यानों को निरुद्ध करने की शक्ति (Power to detain vehicles used without certificate of registration permit, etc.)
208 – मामलों का संक्षिप्त निपटारा (Summary disposal of cases)
209 – दोषसिद्धि पर निर्बंधन (Restriction on conviction)
210 – दोषसिद्धि संबंधी सूचना का न्यायालयों द्वारा भेजा जाना (Courts to send intimation about conviction)
210A – शास्तियों में वृद्धि करने की राज्य सरकार की शक्ति (Power of State Government to increase penalties)
210B – प्रवर्तनकारी प्राधिकरण द्वारा किए गए अपराध के लिए शास्ति (Penalty for offence committed by an enforcing authority)
210C – केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of Central Government to make rules)
210D – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of State Government to make rules)
211 – फीस उद्गृहीत करने की शक्ति (Power to levy fee)
211A – दस्तावेजों और प्ररूपों का इलैक्ट्रानिक उपयोग (Use of electronic forms and documents)
212 – नियमों और अधिसूचनाओं का प्रकाशन, प्रारंभ और रखा जाना (Publication, commencement and laying of rules and notifications)
213 – मोटर यान अधिकारियों की नियुक्ति (Appointment of motor vehicles officers)
214 – आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेशों पर अपील और पुनरीक्षण का प्रभाव (Effect of appeal and revision on orders passed by original authority)
215 – सड़क सुरक्षा परिषदें और समितियां (Road Safety Councils and Committees)
215A – केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकार द्वारा शक्तियों के प्रत्यायोजित किए जाने की शक्ति (Power of Central government and State Government to delegate)
215B – राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड (National Road Safety Board)
215C – केन्द्रीय सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of Central Government to make rules)
215D – राज्य सरकार की नियम बनाने की शक्ति (Power of State Government to make rules)
216 – कठिनाइयों को दूर करने की शक्ति (Power to remove difficulties)
217 – निरसन और व्यावृत्तियां (Repeal and savings)
217A – मोटर यान अधिनियम, 1939 के अधीन अनुदत्त परमिट, चालक अनुज्ञप्ति और रजिस्ट्रीकरण का नवीकरण (Renewal of permits, driving licences and registration granted under the Motor Vehicles Act, 1939)
यदि सरकारी वाहन कार से मोटरसायकल को टक्कर लग जाए तो ओर कार का rc है ड्राइवर का लाइसेन्स भी है बीमा नहीं है तो कौन सी धारा लगेगी क्रपाया बताए
आपने हमें बहुत अच्छा जानकारी दिया हैं l सर मैं LLB का स्टूडेंट हूं और यह मेरे पढ़ाई में बहुत काम आएगा और ऐसे ही जानकारी हमे देते रहीए धन्यवाद
धन्यवाद