मोटर वाहन अधिनियम की धारा 214 | आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेशों पर अपील और पुनरीक्षण का प्रभाव | MV Act, Section- 214 in hindi | Effect of appeal and revision on orders passed by original authority.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 214 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 214, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 214 का विवरण

मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -214 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। राज्य सरकार, इस अधिनियम के आधीन आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित किसी आदेश के विरुद्ध अपील की गई है या पुनरीक्षण का आवेदन किया गया है, वहां ऐसी अपील या पुनरीक्षण का आवेदन ऐसे प्र न होगा जिससे वह आदेश रुक जाए जिसे आरंभिक प्राधिकारी ने पारित किया था और ऐसा आदेश, यथास्थिति, उस अपील या पुनरीक्षण के आवेदन का निपटारा लंबित रहने तक प्रवृत्त बना रहेगा, जब तक कि विहित अपील प्राधिकारी या पुनरीक्षण प्राधिकारी अन्यथा निदेश न दे।

मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 214 के अनुसार

आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित आदेशों पर अपील और पुनरीक्षण का प्रभाव-

(1) जहां इस अधिनियम के अधीन आरंभिक प्राधिकारी द्वारा पारित किसी आदेश के विरुद्ध अपील की गई है या पुनरीक्षण का आवेदन किया गया है, वहां ऐसी अपील या पुनरीक्षण का आवेदन ऐसे प्र न होगा जिससे वह आदेश रुक जाए जिसे आरंभिक प्राधिकारी ने पारित किया था और ऐसा आदेश, यथास्थिति, उस अपील या पुनरीक्षण के आवेदन का निपटारा लंबित रहने तक प्रवृत्त बना रहेगा, जब तक कि विहित अपील प्राधिकारी या पुनरीक्षण प्राधिकारी अन्यथा निदेश न दे।
(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुए भी, यदि परमिट के नवीकरण के लिए किसी व्यक्ति द्वारा किया गया आवेदन आरंभिक प्राधिकारी द्वारा नामंजूर कर दिया गया है और ऐसे व्यक्ति ने ऐसी नामंजूरी के विरुद्ध इस अधिनियम में के अधीन अपील की है या पुनरीक्षण का आवेदन किया है तो, यथास्थिति, अपील प्राधिकारी या पुनरीक्षण प्राधिकारी आदेश द्वारा यह निदेश दे सकेगा कि वह परमिट उसमें विनिर्दिष्ट अवधि के समाप्त हो जाने पर भी तब तक के लिए विधिमान्य बना रहेगा जब तक अपील या पुनरीक्षण के आवेदन का निपटारा नहीं हो जाता है।
(3) सक्षम प्राधिकारी द्वारा इस अधिनियम के अधीन दिया गया कोई भी आदेश, कार्यवाहियों में किसी गलती, लोप या अनियमितता के कारण अपील या पुनरीक्षण में केवल तभी उल्टा जाएगा या परिवर्तित किया जाएगा जब, यथास्थिति, विहित अपील प्राधिकारी या पुनरीक्षण प्राधिकारी को यह प्रतीत हो कि ऐसी गलती, लोप या अनियमितता से वास्तव में न्याय नहीं हो पाया है, अन्यथा नहीं।

Effect of appeal and revision on orders passed by original authority-
(1) Where an appeal has been preferred or an application for revision has been made against any order passed by an original authority under this Act, the appeal or the application for revision shall not operate as a stay of the order passed by the original authority and such order shall remain in force pending the disposal of the appeal or the application for revision, as the case may be, unless the prescribed appellate authority or revisional authority otherwise directs.
(2) Notwithstanding anything contained in sub-section (1), if an application made by a person for the renewal of permit has been rejected by the original authority and such person has preferred an appeal or made an application for revision under this Act against such rejection, the appellate authority or, as the case may be, the revisional authority may by order direct that the permit shall, notwithstanding the expiration of the term specified therein, continue to be valid until the appeal or application for revision is disposed of.
(3) No order made by a competent authority under this Act shall be reversed or altered on appeal or revision on account of any error, omission or irregularity in the proceedings, unless it appears to the prescribed appellate authority or revisional authority, as the case may be, that such error, omission or irregularity has in fact, occasioned a failure of justice.

हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 214 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment