नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए मोटर वाहन अधिनियम की धारा 81 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 81, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है, यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 81 का विवरण
मोटर वाहन अधिनियम (Motor Vehicles Act) की धारा -81 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। इस अधिनियम के आधीन धारा 87 के अधीन दिए गए अस्थायी परमिट या धारा 88 की उपधारा (8) के अधीन दिए गए विशेष परमिट से भिन्न परमिट उसके दिए जाने या नवीकरण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होंगे, परन्तु जहां परमिट धारा 88 की उपधारा (1) के अधीन प्रतिहस्ताक्षरित है, वहां ऐसा प्रतिहस्ताक्षर नवीकरण के बिना ऐसी अवधि के लिए प्रभावी रहेगा जिससे कि प्राथमिक परमिट की विधिमान्यता के समसामयिक हो सके।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा- 81 के अनुसार
परमिटों की अस्तित्वावधि और उनका नवीकरण-
(1) धारा 87 के अधीन दिए गए अस्थायी परमिट या धारा 88 की उपधारा (8) के अधीन दिए गए विशेष परमिट से भिन्न परमिट उसके दिए जाने या नवीकरण की तारीख से पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होंगे:
परन्तु जहां परमिट धारा 88 की उपधारा (1) के अधीन प्रतिहस्ताक्षरित है, वहां ऐसा प्रतिहस्ताक्षर नवीकरण के बिना ऐसी अवधि के लिए प्रभावी रहेगा जिससे कि प्राथमिक परमिट की विधिमान्यता के समसामयिक हो सके ।
(2) परमिट का नवीकरण उसके अवसान की तारीख से कम से कम पंद्रह दिन पहले किए गए आवेदन पर किया जा सकेगा।
(3) उपधारा (2) में किसी बात के होते हुए भी, यथास्थिति, प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण या राज्य परिवहन प्राधिकरण परमिट के नवीकरण के लिए आवेदन को उस उपधारा में विनिर्दिष्ट अन्तिम तारीख के पश्चात् ग्रहण कर सकेगा यदि उसका यह समाधान हो जाता है कि आवेदक विनिर्दिष्ट समय के अंदर आवेदन करने से उचित और पर्याप्त हेतुक से निवारित हो गया था।
(4) यथास्थिति, प्रादेशिक परिवहन प्राधिकरण या राज्य परिवहन प्राधिकरण निम्नलिखित आधारों में से किसी एक या अधिक आधार पर परमिट के नवीकरण के आवेदन को नामंजूर कर सकता है, अर्थात् :-
(क) आवेदक की वित्तीय दशा, जो आवेदन पर विचार किए जाने की तारीख से पूर्व दिवालापन या तीस दिन की अवधि तक ऋणों के संदाय की डिक्रियों की पुष्टि न होने से साक्ष्यित है।
(ख) आवेदक, आवेदन पर विचार किए जाने की उस तारीख के पंद्रह दिन पूर्व से गणना करने पर बारह मास के भीतर उस द्वारा चलाई जा रही मंजिली गाड़ी सेवा के परिणामस्वरूप किए गए निम्नलिखित अपराधों में से किसी अपराध के लिए दो या अधिक बार दंडित को किया गया है, अर्थात् :-
(i) (1) ऐसे यान पर देय कर का संदाय किए बिना कोई वाहन चलाना;
(2) कर के संदाय के लिए अनुज्ञात अनुकम्पा अवधि के दौरान ऐसे कर का संदाय किए बिना कोई वाहन चलाना और तत्पश्चात् ऐसे यान को चलाना बंद कर देना;
(3) किसी अप्राधिकृत मार्ग पर कोई वाहन चलाना;
(ii) अप्राधिकृत टिप लगाना :
परन्तु खंड (ख) के प्रयोजन के लिए दंडादेशों की संख्या की गणना करने में, अपील प्राधिकारी के आदेश से रोके गए दंडादेश को हिसाब में नहीं लिया जाएगा:
परन्तु यह और कि इस उपधारा के अधीन कोई आवेदन तब तक नामंजूर नहीं किया जाएगा जब तक आवेदक को सुनवाई का अवसर नहीं दे दिया जाता है।
(5) जहां किसी परमिट की अवधि की समाप्ति के पश्चात् इस धारा के अधीन उसका नवीकरण किया गया है वहां ऐसा नवीकरण ऐसी समाप्ति की तारीख से प्रभावी होगा चाहे धारा 87 के खंड (घ) के अधीन अस्थाई परमिट दिया गया हो या न दिया गया हो तथा जहां अस्थाई परमिट दिया गया है वहां ऐसे अस्थाई परमिट के संबंध में दी गई फीस वापस कर दी जाएगी।
Duration and renewal of permits-
(1) A permit other than a temporary permit issued under section 87 or a special permit issued under sub-section (8) of period of five years:
Provided that where the permit is countersigned under sub-section (1) of section 88, such countersignature shall remain effective without renewal for such period so as to synchronise with the validity of the primary permit.
(2) A permit may be renewed on an application made not less than fifteen days before the date of its expiry.
(3) Notwithstanding anything contained in sub-section (2), the Regional Transport Authority or the State Transport Authority, as the case may be, may entertain an application for the renewal of a permit after the last date specified in that sub-section if it is satisfied that the applicant was prevented by good and sufficient cause from making an application within the time specified.
(4) The Regional Transport Authority or the State Transport Authority, as the case may be, may reject an application for the renewal of a permit on one or more of the following grounds, namely:-
(a) the financial condition of the applicant as evidenced by insolvency, or decrees for payment of debts remaining unsatisfied for a period of thirty days, prior to the date of consideration of the application;
(b) the applicant had been punished twice or more for any of the following offences within twelve months reckoned from fifteen days prior to the date of consideration of the application committed as a result of the operation of a stage carriage service by the applicant, namely:-
(i) plying any vehicle —
(1) without payment of tax due on such vehicle;
(2) without payment of tax during the grace period allowed for payment of such tax and then stop the plying of such vehicle;
(3) on any unauthorised route;
(ii) making unauthorised trips:
Provided that in computing the number of punishments for the purpose of clause (b), any punishment stayed by the order of an appellate authority shall not be taken into account :
Provided further that no application under this sub-section shall be rejected unless an opportunity of being heard is given to the applicant.
(5) Where a permit has been renewed under this section after the expiry of the period thereof, such renewal shall have effect from the date of such expiry irrespective of whether or not a temporary permit has been granted under clause (d) of section 87, and where a temporary permit has been granted, the fee paid in respect of such temporary permit shall be refunded.
हमारा प्रयास मोटर वाहन अधिनियम (MV Act) की धारा 81 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।