एससी/एसटी अधिनियम की धारा 4 | कर्तव्यों की उपेक्षा के लिए दंड | SC/ST Act, Section- 4 in hindi | Punishment for neglect of duties.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए एससी/एसटी अधिनियम की धारा 4 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है एससी/एसटी की धारा- 4, साथ ही इस धारा के अंतर्गत क्या परिभाषित किया गया है और क्या सजा का प्रावधान है। यह सभी जानकारी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

एससी/एसटी अधिनियम की धारा- 4 का विवरण

एससी/एसटी अधिनियम (Scheduled Caste and Scheduled Tribe (Prevention of Atrocities) Act) की धारा -4 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कोई भी लोक सेवक, जो अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं है इस अधिनियम के अधीन उसके द्वारा पालन किए जाने के लिए अपेक्षित अपने कर्तव्यों की जानबूझकर उपेक्षा करेगा, वह इस धारा के अन्तर्गत दंडित किया जायेगा।

एससी/एसटी अधिनियम की धारा- 4 के अनुसार

कर्तव्यों की उपेक्षा के लिए दंड-

कोई भी लोक सेवक, जो अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का सदस्य नहीं है इस अधिनियम के अधीन उसके द्वारा पालन किए जाने के लिए अपेक्षित अपने कर्तव्यों की जानबूझकर उपेक्षा करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि छह मास से कम नहीं होगी किंतु जो एक वर्ष तक की हो सकेगी, दंडनीय होगा।

Punishment for neglect of duties—
Whoever, being a public servant but not being a member of a Scheduled Caste or a Scheduled Tribe, wilfully neglects his duties required to be performed by him under this Act, shall be punishable with imprisonment for a term which shall not be less than six months but which may extend to one year.

हमारा प्रयास एससी/एसटी अधिनियम (SC/ST Act) की धारा 4 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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