फरार व्यक्ति से क्या तात्पर्य है

फरार होने से तात्पर्य अपने आपकों गिरफ्तारी से बचायें एवंम् छिपाये रखने के उद्देश्य से अपने सामान्य निवास अथवा कारबार के स्थान को छोड़कर कही अन्यत्र चला जाना है, परन्तु मात्र एक दिन के लिये अपने निवास स्थान मे अनुपस्थित रहना अथवा एक अस्पाल से दूसरे अस्पताल मे चले जाने को फरार हो जाना नही कहा जायेगा ।

फरारी के लिये निम्नांकित बाते आवश्यक है-

  1. गिरफ्तार किये जाने वाला व्यक्ति गिरफ्तारी से बचने के लिये अपने आपको छिपा रहा हो;
  2. वह अपने निवास स्थान अथवा कारबार के स्थान को छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर चला गया हो; एवं
  3. किसी अनिश्चित काल के लिये किया गया हो ।

फरार व्यक्ति के लिये उद्घोषणा (Proclamation for person absconding)- दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 82 ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध उद्घोषणा के सम्बन्ध में प्रावधान करती है जो गिरफ्तारी के वारण्ट से बचने के लिये फरार हो गया हो । उपधारा-1 के अनुसार, जब न्यायालय को यह विश्वास हो जाये कि वह व्यक्ति जिसके विरूद्ध गिरफ्तारी का वारण्ट जारी किया गया है, उसके निष्पादन को असफल बनाने के उद्देश्य से फरार हो गया हो या अपने आपको छिपा रहा है, तो न्यायालय इस आशय की एक उद्घोषणा प्रकाशित कर सकेगा कि वह व्यक्ति विनिर्दिष्ट स्थान मे और विनिर्दिष्ट समय पर, जो उद्घोषणा के प्रकाशन की तारीख मे तीस दिन का कम नही होगा, उपस्थित हो ।

फरार व्यक्ति के सम्पत्ति की कुर्की (Attachment of property of absconder)- दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 83 सम्पत्ति की कुर्की के बारे मे प्रावधान करती है । उपधारा-1 के अनुसार, धारा-82 के अधीन उद्घोषणा जारी करने वाला न्यायालय ऐसी उद्घोषणा के पश्चात् किसी भी समय उद्घोषित व्यक्ति के चल अथवा अचल दोनो प्रकार की सम्पत्तियों की कुर्की का आदेश दे सकता है ।


परन्तु यदि उद्घोषणा जारी करते समय न्यायालय का शपथ-पत्र व्दारा या अन्यथा यह समाधान हो जाता है कि वह व्यक्ति जिसके सम्बन्ध मे उद्घोषणा निकाली जाती है –

क) अपनी सम्पत्ति या उसे किसी भाग का व्ययन करने वाला है; अथवा


ख) अपनी समस्त सम्पत्ति या उसके किसी भाग को उस न्यायालय की स्थानीय अधिकारिता से हटने वाला है, तो वह उद्घोषणा जारी करने के साथ ही कुर्की का आदेश दे सकता है ।

फरार व्यक्ति की सम्पत्ति की कुर्की न्यायालय व्दारा फरार व्यक्ति की उद्घोषित प्रकाशित करने के तीस दिन के पश्चात् यदि फरार व्यक्ति न्यायालय के समक्ष उपस्थित नही होता है, तो फरार व्यक्ति के चल अथवा अचल सम्पत्ति की कुर्की राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार व्दारा की जा सकती है ।

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