फरारी के लिये निम्नांकित बाते आवश्यक है-
- गिरफ्तार किये जाने वाला व्यक्ति गिरफ्तारी से बचने के लिये अपने आपको छिपा रहा हो;
- वह अपने निवास स्थान अथवा कारबार के स्थान को छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर चला गया हो; एवं
- किसी अनिश्चित काल के लिये किया गया हो ।
फरार व्यक्ति के सम्पत्ति की कुर्की (Attachment of property of absconder)- दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 83 सम्पत्ति की कुर्की के बारे मे प्रावधान करती है । उपधारा-1 के अनुसार, धारा-82 के अधीन उद्घोषणा जारी करने वाला न्यायालय ऐसी उद्घोषणा के पश्चात् किसी भी समय उद्घोषित व्यक्ति के चल अथवा अचल दोनो प्रकार की सम्पत्तियों की कुर्की का आदेश दे सकता है ।
परन्तु यदि उद्घोषणा जारी करते समय न्यायालय का शपथ-पत्र व्दारा या अन्यथा यह समाधान हो जाता है कि वह व्यक्ति जिसके सम्बन्ध मे उद्घोषणा निकाली जाती है –
क) अपनी सम्पत्ति या उसे किसी भाग का व्ययन करने वाला है; अथवा
ख) अपनी समस्त सम्पत्ति या उसके किसी भाग को उस न्यायालय की स्थानीय अधिकारिता से हटने वाला है, तो वह उद्घोषणा जारी करने के साथ ही कुर्की का आदेश दे सकता है ।
फरार व्यक्ति की सम्पत्ति की कुर्की न्यायालय व्दारा फरार व्यक्ति की उद्घोषित प्रकाशित करने के तीस दिन के पश्चात् यदि फरार व्यक्ति न्यायालय के समक्ष उपस्थित नही होता है, तो फरार व्यक्ति के चल अथवा अचल सम्पत्ति की कुर्की राज्य सरकार अथवा केन्द्र सरकार व्दारा की जा सकती है ।