भारतीय न्याय संहिता की धारा 188 हिन्दी मे (BNS Act Section-188 in Hindi) –
अध्याय XI
188. यदि विधिविरुद्ध जनसमूह के किसी सदस्य द्वारा उस जनसमूह के सामान्य उद्देश्य की पूर्ति में कोई अपराध किया जाता है, या ऐसा अपराध किया जाता है, जिसका उस जनसमूह के सदस्य उस उद्देश्य की पूर्ति में किया जाना संभाव्य जानते थे, तो प्रत्येक व्यक्ति, जो उस अपराध के किए जाने के समय उसी जनसमूह का सदस्य है, उस अपराध का दोषी है।
सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध।
188. विधिविरुद्ध जनसमूह का प्रत्येक सदस्य सामान्य
उद्देश्य की पूर्ति हेतु किए गए अपराध का दोषी होगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 188 in English (BNS Act Section-188 in English) –
Chapter XI
188. If an offence is committed by any member of an unlawful assembly in prosecution of the common object of that assembly, or such as the members of that assembly knew to be likely to be committed in prosecution of that object, every person who, at the time of the committing of that offence, is a member of the same assembly, is guilty of that offence.
Of Offences Against the Public Tranquillity.
188. Every member of unlawful assembly guilty of offence
committed in prosecution of common object.