भारतीय न्याय संहिता की धारा 25 हिन्दी मे (BNS Act Section-25 in Hindi) –
अध्याय III
सामान्य अपवाद
भारतीय न्याय संहिता की धारा 25. सहमति से किया गया ऐसा कार्य जिसका उद्देश्य मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाना न हो और जिससे मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचने की संभावना न हो।कोई भी ऐसी बात जो मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचाने के लिए अभिप्रेत न हो, तथा जिसके बारे में कर्ता को ज्ञात न हो कि इससे मृत्यु या गंभीर चोट पहुंचने की संभावना है, वह किसी ऐसे व्यक्ति को होने वाली हानि के कारण अपराध नहीं है, जो अठारह वर्ष से अधिक आयु का है तथा जिसने उस हानि को भुगतने के लिए, चाहे व्यक्त या निहित, सहमति दी है; या किसी ऐसे व्यक्ति को होने वाली हानि के कारण अपराध नहीं है, जिसने उस हानि को भुगतने के लिए, चाहे व्यक्त या निहित, सहमति दी है।
उदाहरण- A और Z मनोरंजन के लिए एक दूसरे के साथ तलवारबाजी करने के लिए सहमत होते हैं। इस समझौते में प्रत्येक की ऐसी हानि को भुगतने की सहमति निहित है, जो ऐसी तलवारबाजी के दौरान, बिना किसी बेईमानी के पहुंचाई जा सकती है; और यदि A, निष्पक्ष रूप से खेलते हुए, Z को चोट पहुंचाता है, तो A कोई अपराध नहीं करता है।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 25 in English (BNS Act Section-25 in English) –
Chapter III
General Exceptions
25. Act not intended and not known to be likely to cause death or grievous hurt, done by consent.Nothing which is not intended to cause death, or grievous hurt, and which is not known by the doer to be likely to cause death or grievous hurt, is an offence by reason of any harm which it may cause, or be intended by the doer to cause, to any person, above eighteen years of age, who has given consent, whether express or implied, to suffer that harm; or by reason of any harm which it may be known by the doer to be likely to cause to any such person who has consented to take the risk of that harm.
Illustration- A and Z agree to fence with each other for amusement. This agreement implies the consent of each to suffer any harm which, in the course of such fencing, may be caused without foul play; and if A, while playing fairly, hurts Z, A commits no offence.