भारतीय न्याय संहिता की धारा 55 हिन्दी मे (BNS Act Section-55 in Hindi) –
अध्याय IV
उकसाने, आपराधिक साजिश और प्रयास के विषय में
भारतीय न्याय संहिता की धारा 55. मृत्युदंड या आजीवन कारावास से दंडनीय अपराध का दुष्प्रेरण।जो कोई मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध के लिए दुष्प्रेरण करता है, यदि वह अपराध दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप नहीं किया गया हो और ऐसे दुष्प्रेरण के दण्ड के लिए इस संहिता में कोई स्पष्ट उपबन्ध नहीं किया गया हो, तो वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डित किया जाएगा, जिसकी अवधि सात वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा; और यदि कोई ऐसा कार्य किया जाता है, जिसके लिए दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप दुष्प्रेरक उत्तरदायी है और जो किसी व्यक्ति को क्षति पहुँचाता है, तो दुष्प्रेरक दोनों में से किसी भांति के कारावास से दण्डनीय होगा, जिसकी अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा।
उदाहरण- क, ख को य की हत्या करने के लिए उकसाता है। अपराध नहीं किया जाता। यदि ख ने य की हत्या की होती, तो वह मृत्यु या आजीवन कारावास से दण्डनीय होता। अत: क सात वर्ष तक के कारावास और जुर्माने से दण्डनीय है; और यदि दुष्प्रेरण के परिणामस्वरूप य को कोई क्षति पहुंचती है, तो वह कारावास से, जिसकी अवधि चौदह वर्ष तक की हो सकेगी, और जुर्माने से दण्डनीय होगा।
Bharatiya Nyaya Sanhita Section 55 in English (BNS Act Section-55 in English) –
Chapter IV
Of Incitement, criminal conspiracy and attempt
55. Abetment of offence punishable with death or imprisonment for life.Whoever abets the commission of an offence punishable with death or imprisonment for life, shall, if that offence be not committed in consequence of the abetment, and no express provision is made under this Sanhita for the punishment of such abetment, be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to seven years, and shall also be liable to fine; and if any act for which the abettor is liable in consequence of the abetment, and which causes hurt to any person, is done, the abettor shall be liable to imprisonment of either description for a term which may extend to fourteen years, and shall also be liable to fine.
Illustration-
A instigates B to murder Z. The offence is not committed. If B had murdered Z, he would have been subject to the punishment of death or imprisonment for life. Therefore, A is liable to imprisonment for a term which may extend to seven years and also to a fine; and if any hurt be done to Z in consequence of the abetment, he will be liable to imprisonment for a term which may extend to fourteen years, and to fine.