कंपनी अधिनियम की धारा 22| Companies Act Section 22

कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-22 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 22 के अनुसार कोई विनिमय-पत्र, हुंडी या वचन-पत्र, कंपनी की ओर से किया गया, स्वीकार किया गया, आहरण किया गया या पृष्ठांकित किया गया समझा जाएगा, यदि उसे कंपनी के नाम से या उसकी ओर से या उसके संबंध में, किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा, जो उसके अभिव्यक्त या विवक्षित प्राधिकार के अधीन कार्य कर रहा हो, किया गया, स्वीकार किया गया, आहरण किया गया या पृष्ठांकित किया जाता है, जिसे Companies Act Section-22 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

कंपनी अधिनियम की धारा 22 (Companies Act Section-22) का विवरण

कंपनी अधिनियम की धारा 22 Companies Act Section-22 के अनुसार कोई विनिमय-पत्र, हुंडी या वचन-पत्र, कंपनी की ओर से किया गया, स्वीकार किया गया, आहरण किया गया या पृष्ठांकित किया गया समझा जाएगा, यदि उसे कंपनी के नाम से या उसकी ओर से या उसके संबंध में, किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा, जो उसके अभिव्यक्त या विवक्षित प्राधिकार के अधीन कार्य कर रहा हो, किया गया, स्वीकार किया गया, आहरण किया गया या पृष्ठांकित किया जाता है।

कंपनी अधिनियम की धारा 22 (Companies Act Section-22 in Hindi)

विनिमय-पत्रों आदि का निष्पादन

(1) कोई विनिमय-पत्र, हुंडी या वचन-पत्र, कंपनी की ओर से किया गया, स्वीकार किया गया, आहरण किया गया या पृष्ठांकित किया गया समझा जाएगा, यदि उसे कंपनी के नाम से या उसकी ओर से या उसके संबंध में, किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा, जो उसके अभिव्यक्त या विवक्षित प्राधिकार के अधीन कार्य कर रहा हो, किया गया, स्वीकार किया गया, आहरण किया गया या पृष्ठांकित किया जाता है।

(2) कोई कंपनी, अपनी सामान्य मुद्रा के अधीन लिखित में किसी व्यक्ति को या तो साधारणतया या किसी विनिर्दिष्ट विषय की बाबत, भारत में या भारत के बाहर किसी स्थान में उसकी ओर से अन्य विलेखों के निष्पादन के लिए अपने अटर्नी के रूप में प्राधिकृत कर सकेगी।

(3) ऐसे किसी अटर्नी द्वारा कंपनी की ओर से और उसकी मुद्रा के अधीन हस्ताक्षरित कोई विलेख, कंपनी पर आबद्धकर होगा और उसका वही प्रभाव होगा, मानो वह उसकी सामान्य मुद्रा के अधीन किया गया हो।

Companies Act Section-22 (Company Act Section-22 in English)

Execution of bills of exchange, etc

(1) A bill of exchange, hundi, or promissory note shall be deemed to have been made, accepted, drawn or endorsed on behalf of a company if made, accepted,  drawn, or endorsed in the name of, or on behalf of or on account of, the company by any person acting under its authority, express or implied. 

(2) A company may, by writing 1[under its common seal, if any,] authorize any person, either generally or in respect of any specified matters, as its attorney to execute other deeds on its behalf in any  place either in or outside India: 

2[Provided that in case a company does not have a common seal, the authorization under this sub section shall be made by two directors or by a director and the Company Secretary, wherever the  company has appointed a Company Secretary.] 

(3) A deed signed by such an attorney on behalf of the company and under his seal shall bind the  company

हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 22 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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