कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-74 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 74 के अनुसार कम्पनी द्वारा स्वीकार किए गए सभी निक्षेपों और तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी या ऐसे निबंधनों और शर्तों के अधीन रहते हुए, जिनके अधीन निक्षेप स्वीकार किया गया था या किसी विधि के अधीन विरचित किसी स्कीम के अधीन ऐसे प्रतिसंदाय के लिए किए गए ठहरावों के साथ उस पर संदेय ब्याज सहित ऐसी रकम पर असंदत्त रही राशियों का एक विवरण ऐसे प्रारंभ से या ऐसी तारीख से जिसको ऐसे संदाय शोध्य होते हैं, जिसे Companies Act Section-74 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।
IMPORTANT HIGHLIGHT
कंपनी अधिनियम की धारा 74 (Companies Act Section-74) का विवरण
कंपनी अधिनियम की धारा 74 Companies Act Section-74 के अनुसार कम्पनी द्वारा स्वीकार किए गए सभी निक्षेपों और तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी या ऐसे निबंधनों और शर्तों के अधीन रहते हुए, जिनके अधीन निक्षेप स्वीकार किया गया था या किसी विधि के अधीन विरचित किसी स्कीम के अधीन ऐसे प्रतिसंदाय के लिए किए गए ठहरावों के साथ उस पर संदेय ब्याज सहित ऐसी रकम पर असंदत्त रही राशियों का एक विवरण ऐसे प्रारंभ से या ऐसी तारीख से जिसको ऐसे संदाय शोध्य होते हैं।
कंपनी अधिनियम की धारा 74 (Companies Act Section-74 in Hindi)
इस अधिनियम के प्रारंभ से पूर्व स्वीकृत निक्षेपों, आदि का प्रतिसंदाय–
(1) जहां इस अधिनियम के प्रारंभ से पूर्व किसी कंपनी द्वारा स्वीकार किए गए किसी निक्षेप के संबंध में ऐसे प्रारंभ पर ऐसे निक्षेप की रकम या उसका भाग या उस पर शोध्य कोई ब्याज असंदत्त रहता है या तत्पश्चात् किसी समय शोध्य हो जाता है, वहां कंपनी-
(क) कम्पनी द्वारा स्वीकार किए गए सभी निक्षेपों और तत्समय प्रवृत्त किसी अन्य विधि में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी या ऐसे निबंधनों और शर्तों के अधीन रहते हुए, जिनके अधीन निक्षेप स्वीकार किया गया था या किसी विधि के अधीन विरचित किसी स्कीम के अधीन ऐसे प्रतिसंदाय के लिए किए गए ठहरावों के साथ उस पर संदेय ब्याज सहित ऐसी रकम पर असंदत्त रही राशियों का एक विवरण ऐसे प्रारंभ से या ऐसी तारीख से जिसको ऐसे संदाय शोध्य होते हैं, तीन मास की अवधि के भीतर रजिस्ट्रार के पास फाइल करेगी; और
(ख) ऐसे प्रारंभ से एक वर्ष के भीतर या उस तारीख से, जिसको ऐसे संदाय देय हैं, इनमें जो भी पहले हो, उनका प्रतिसंदाय करेगी ।
(2) अधिकरण, कंपनी द्वारा किए गए आवेदन पर कंपनी की वित्तीय स्थिति, निक्षेप की रकम या उसका भाग, और उस पर संदेय ब्याज और ऐसे अन्य विषयों पर विचार करने
के पश्चात्, कंपनी को निक्षेप का प्रतिसंदाय करने के लिए ऐसा अतिरिक्त समय अनुज्ञात करेगा, जो युक्तियुक्त समझा जाए ।
(3) यदि कंपनी उपधारा ( 1 ) में विनिर्दिष्ट समय के भीतर या ऐसे अतिरिक्त समय के भीतर, जो उपधारा (2) के अधीन अधिकरण द्वारा अनुज्ञात किया जाए, निक्षेप या उसके किसी भाग या उस पर किसी ब्याज का प्रतिसंदाय करने में असफल रहती है, तो कंपनी, निक्षेप की रकम या उसके भाग और शोध्य ब्याज का संदाय करने के अतिरिक्त ऐसे जुर्माने से, जो एक करोड़ रुपए से कम का न होगा; किन्तु जो दस करोड़ रुपए तक का हो सकेगा, दण्डनीय होगी और कंपनी का ऐसा प्रत्येक अधिकारी, जो व्यतिक्रम करता है, ऐसे कारावास से, जो सात वर्ष तक का हो सकेगा या जुर्माने से, जो पच्चीस लाख रुपए से कम का नहीं होगा, किन्तु जो दो करोड़ रुपए तक का हो सकेगा, या दोनों से, दण्डनीय होगा।
Companies Act Section-74 (Company Act Section-74 in English)
Repayment of deposits, etc., accepted before commencement of this Act–
(1) Where in respect of any deposit accepted by a company before the commencement of this Act, the amount of such deposit or part thereof or any interest due thereon remains unpaid on such commencement or becomes due at any time thereafter, the company shall-
(a) file, within a period of three months from such commencement or from the date on which such payments, are due, with the Registrar a statement of all the deposits accepted by the company and sums remaining unpaid on such amount with the interest payable thereon along with the arrangements made for such repayment, notwithstanding anything contained in any other law for the time being in force or under the terms and conditions subject to which the deposit was accepted or any scheme framed under any law; and
(b) repay within one year from such commencement or from the date on which such payments are due, whichever is earlier.
(2) The Tribunal may on an application made by the company, after considering the financial condition of the company, the amount of deposit or part thereof, and the interest payable thereon and such other matters, allow further time as considered reasonable to the company to repay the deposit.
(3) If a company fails to repay the deposit or part thereof or any interest thereon within the time specified in sub-section (1) or such further time as may be allowed by the Tribunal under sub-section (2), the company shall, in addition to the payment of the amount of deposit or part thereof and the interest due, be punishable with a fine which shall not be less than one crore rupees but which may extend to ten crore rupees and every officer of the company who is in default shall be punishable with imprisonment which may extend to seven years or with a fine which shall not be less than twenty-five lakh rupees but which may extend to two crore rupees, or with both.
हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 74 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स मे कमेंट करके पूछ सकते है।