कंपनी अधिनियम की धारा 9| Companies Act Section 9

कंपनी अधिनियम Companies Act (Companies Act Section-9 in Hindi) के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे। कंपनी अधिनियम की धारा 9 के अनुसार निगमन प्रमाणपत्र में वर्णित निगमन की तारीख से, ज्ञापन के ऐसे अभिदाता और सभी अन्य व्यक्ति, जो समय-समय पर कंपनी के सदस्य बनें, ज्ञापन में अतंर्विष्ट नाम से एक निगमित निकाय होंगे, जो इस अधिनियम के अधीन किसी निगमित कंपनी के सभी कृत्यों का प्रयोग करने के लिए समर्थ होंगे और उनका शाश्वत् उत्तराधिकार और एक सामान्य मुद्रा होगी, जिसे Companies Act Section-9 के अन्तर्गत परिभाषित किया गया है।

कंपनी अधिनियम की धारा 9 (Companies Act Section-9) का विवरण

कंपनी अधिनियम की धारा 9 Companies Act Section-9 के अनुसार निगमन प्रमाणपत्र में वर्णित निगमन की तारीख से, ज्ञापन के ऐसे अभिदाता और सभी अन्य व्यक्ति, जो समय-समय पर कंपनी के सदस्य बनें, ज्ञापन में अतंर्विष्ट नाम से एक निगमित निकाय होंगे, जो इस अधिनियम के अधीन किसी निगमित कंपनी के सभी कृत्यों का प्रयोग करने के लिए समर्थ होंगे और उनका शाश्वत् उत्तराधिकार और एक सामान्य मुद्रा होगी।

कंपनी अधिनियम की धारा 9 (Companies Act Section-9 in Hindi)

रजिस्ट्रीकरण का प्रभाव

निगमन प्रमाणपत्र में वर्णित निगमन की तारीख से, ज्ञापन के ऐसे अभिदाता और सभी अन्य व्यक्ति, जो समय-समय पर कंपनी के सदस्य बनें, ज्ञापन में अतंर्विष्ट नाम से एक निगमित निकाय होंगे, जो इस अधिनियम के अधीन किसी निगमित कंपनी के सभी कृत्यों का प्रयोग करने के लिए समर्थ होंगे और उनका शाश्वत् उत्तराधिकार और एक सामान्य मुद्रा होगी तथा जिसे जंगम और स्थावर, मूर्त और अमूर्त दोनों प्रकार की संपत्ति का अर्जन, धारण और व्ययन करने, संविदा करने और उक्त नाम से वाद लाने और उस पर वाद लाए जाने की शक्ति होगी।

Companies Act Section-9 (Company Act Section-9 in English)

Effect of registration

From the date of incorporation mentioned in the certificate of incorporation, such subscribers to the memorandum and all other persons, as may, from time to time,  become members of the company, shall be a body corporate by the name contained in the memorandum,  capable of exercising all the functions of an incorporated company under this Act and having perpetual succession with power to acquire, hold and dispose of property, both movable and immovable,  tangible and intangible, to contract and to sue and be sued, by the said name.

हमारा प्रयास कंपनी अधिनियम (Companies Act Section) की धारा 9 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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