सीआरपीसी की धारा 140 | मजिस्ट्रेट की लिखित अनुदेश आदि देने की शक्ति | CrPC Section- 140 in hindi| Power of Magistrate to furnish written instructions, etc.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 140 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 140 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 140 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 140 के अन्तर्गत जहां मजिस्ट्रेट धारा 139 के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा स्थानीय अन्वेषण किए जाने के लिए निदेश देता है वहां मजिस्ट्रेट उस व्यक्ति को ऐसे लिखित अनुदेश दे सकता है जो उसके मार्गदर्शन के लिए आवश्यक प्रतीत हो; या यह घोषित कर सकता है कि स्थानीय अन्वेषण का सब आवश्यक व्यय, या उसका कोई भाग, किसके द्वारा दिया जाएगा। ऐसे व्यक्ति की रिपोर्ट को मामले में साक्ष्य के रूप में पढ़ा जा सकता है। साथ ही मजिस्ट्रेट धारा 139 के अधीन किसी विशेषज्ञ को समन करता है और उसकी परीक्षा करता है। वहां मजिस्ट्रेट निदेश दे सकता है कि ऐसे समन करने और परीक्षा करने के खर्चे किसके द्वारा दिए जाएंगे।

सीआरपीसी की धारा 140 के अनुसार

मजिस्ट्रेट की लिखित अनुदेश आदि देने की शक्ति-

(1) जहां मजिस्ट्रेट धारा 139 के अधीन किसी व्यक्ति द्वारा स्थानीय अन्वेषण किए जाने के लिए निदेश देता है वहां मजिस्ट्रेट-
(क) उस व्यक्ति को ऐसे लिखित अनुदेश दे सकता है जो उसके मार्गदर्शन के लिए आवश्यक प्रतीत हो;
(ख) यह घोषित कर सकता है कि स्थानीय अन्वेषण का सब आवश्यक व्यय, या उसका कोई भाग, किसके द्वारा दिया जाएगा।
(2) ऐसे व्यक्ति की रिपोर्ट को मामले में साक्ष्य के रूप में पढ़ा जा सकता है।
(3) जहां मजिस्ट्रेट धारा 139 के अधीन किसी विशेषज्ञ को समन करता है और उसकी परीक्षा करता है। वहां मजिस्ट्रेट निदेश दे सकता है कि ऐसे समन करने और परीक्षा करने के खर्चे किसके द्वारा दिए जाएंगे।

Power of Magistrate to furnish written instructions, etc-
(1) Where the Magistrate directs a local investigation by any person under Section 139, the Magistrate may-
(a) furnish such person with such written instructions as may seem necessary for his guidance;
(b) declare by whom the whole or any part of the necessary expenses of the local investigation shall be paid.
(2) The report of such person may be read as evidence in the case.
(3) Where the Magistrate summons and examines an expert under Section 139, the Magistrate may direct by whom the costs of such summons and examination shall be paid.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 140 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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