सीआरपीसी की धारा 189 | भारत के बाहर किए गए अपराधों के बारे में साक्ष्य लेना | CrPC Section- 189 in hindi| Receipt of evidence relating to offences committed outside India.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 189 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 189 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 189 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 189 के अन्तर्गत जब किसी ऐसे अपराध, जिसका भारत से बाहर किसी क्षेत्र में किया जाना अभिकथित है, जांच या विचारण धारा 188 के उपबन्धों के अधीन किया जा रहा है तब, यदि केन्द्रीय सरकार उचित समझे तो यह निदेश दे सकती है कि उस क्षेत्र में या उस क्षेत्र के लिए न्यायिक अधिकारी के समक्ष या उस क्षेत्र में या उस क्षेत्र के लिए भारत के राजनयिक या कौंसलीय प्रतिनिधि के समक्ष दिए गए अभिसाक्ष्यों की या पेश किए गए प्रदर्शों की प्रतियों को ऐसी जांच या विचारण करने वाले न्यायालय द्वारा किसी ऐसे मामले में साक्ष्य के रूप में लिया जाएगा जिसमें ऐसा न्यायालय ऐसी किन्हीं बातों के बारे में जिनसे ऐसे अभिसाक्ष्य या प्रदर्श सम्बन्धित हैं साक्ष्य लेने के लिए कमीशन जारी कर सकता है।

सीआरपीसी की धारा 189 के अनुसार

भारत के बाहर किए गए अपराधों के बारे में साक्ष्य लेना-

जब किसी ऐसे अपराध की, जिसका भारत से बाहर किसी क्षेत्र में किया जाना अभिकथित है, जांच या विचारण धारा 188 के उपबन्धों के अधीन किया जा रहा है तब, यदि केन्द्रीय सरकार उचित समझे तो यह निदेश दे सकती है कि उस क्षेत्र में या उस क्षेत्र के लिए न्यायिक अधिकारी के समक्ष या उस क्षेत्र में या उस क्षेत्र के लिए भारत के राजनयिक या कौंसलीय प्रतिनिधि के समक्ष दिए गए अभिसाक्ष्यों की या पेश किए गए प्रदर्शों की प्रतियों को ऐसी जांच या विचारण करने वाले न्यायालय द्वारा किसी ऐसे मामले में साक्ष्य के रूप में लिया जाएगा जिसमें ऐसा न्यायालय ऐसी किन्हीं बातों के बारे में जिनसे ऐसे अभिसाक्ष्य या प्रदर्श सम्बन्धित हैं साक्ष्य लेने के लिए कमीशन जारी कर सकता है।

Receipt of evidence relating to offences committed outside India-
When any offence alleged to have been committed in a territory outside India is being inquired into or tried under the provisions of Section 188, the Central Government may, if it thinks fit, direct that copies of depositions made or exhibits produced before a judicial officer in or for that territory or before a diplomatic or consular representative of India in or for that territory shall be received as evidence by the Court holding such inquiry or trial in any case in which such Court might issue a commission for taking evidence as to the matters to which such depositions or exhibits relate.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 189 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment