सीआरपीसी की धारा 261 | द्वितीय वर्ग के मजिस्ट्रेटों द्वारा संक्षिप्त विचारण | CrPC Section- 261 in hindi| Summary trial by Magistrate of the second class.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 261 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 261 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 261 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 261 के अन्तर्गत यदि उच्च न्यायालय किसी ऐसे मजिस्ट्रेट को, जिसमें द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट की शक्तियां निहित हैं, किसी ऐसे अपराध का, जो केवल जुर्माने से या जुर्माने सहित या रहित छह मास से अनधिक के कारावास से दण्डनीय है और ऐसे किसी अपराध के दुष्प्रेरण या ऐसे किसी अपराध को करने के प्रयत्न का संक्षेपतः विचारण करने की शक्ति प्रदान कर सकता है।

सीआरपीसी की धारा 261 के अनुसार

द्वितीय वर्ग के मजिस्ट्रेटों द्वारा संक्षिप्त विचारण-

उच्च न्यायालय किसी ऐसे मजिस्ट्रेट को, जिसमें द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट की शक्तियां निहित हैं, किसी ऐसे अपराध का, जो केवल जुर्माने से या जुर्माने सहित या रहित छह मास से अनधिक के कारावास से दण्डनीय है और ऐसे किसी अपराध के दुष्प्रेरण या ऐसे किसी अपराध को करने के प्रयत्न का संक्षेपतः विचारण करने की शक्ति प्रदान कर सकता है।

Summary trial by Magistrate of the second class-
The High Court may confer on any Magistrate invested with the powers of a Magistrate of the second class power to try summarily any offence which is punishable only with fine or with imprisonment for a term not exceeding six months with or without fine, and any abetment of or attempt to commit any such offence.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 261 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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