नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 262 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 262 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 262 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) में धारा 262 के अन्तर्गत इस अध्याय के अधीन विचारणों में इसके पश्चात् इसमें जैसा वर्णित है उसके सिवाय, इस संहिता में समन-मामलों के विचारण के लिए विनिर्दिष्ट प्रक्रिया का अनुसरण किया जाएगा। यदि तीन मास से अधिक की अवधि के लिए कारावास का कोई दण्डादेश इस अध्याय के अधीन किसी दोषसिद्धि के मामले में न दिया जाएगा।
सीआरपीसी की धारा 262 के अनुसार
संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया–
(1) इस अध्याय के अधीन विचारणों में इसके पश्चात् इसमें जैसा वर्णित है उसके सिवाय, इस संहिता में समन-मामलों के विचारण के लिए विनिर्दिष्ट प्रक्रिया का अनुसरण किया जाएगा।
(2) तीन मास से अधिक की अवधि के लिए कारावास का कोई दण्डादेश इस अध्याय के अधीन किसी दोषसिद्धि के मामले में न दिया जाएगा।
Procedure for summary trials-
(1) In trials under this Chapter, the procedure specified in this Code for the trial of summons-case shall be followed except as hereinafter mentioned.
(2) No sentence of imprisonment for a term exceeding three months shall be passed in the case of any conviction under this Chapter.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 262 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।