नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 286 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 286 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
धारा 286 का विवरण
दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 286 के अन्तर्गत कमीशन प्राप्त होने पर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अथवा ऐसा महानगर मजिस्ट्रेट या न्यायिक मजिस्ट्रेट जिसे वह इस निमित्त नियुक्त करे, साक्षी को अपने समक्ष आने के लिए समन करेगा अथवा उस स्थान को जाएगा जहां साक्षी है और उसका साक्ष्य उस रीति से लिखेगा और इस प्रयोजन के लिए उन्हीं शक्तियों का प्रयोग कर सकेगा जो इस संहिता के अधीन वारण्ट-मामलों के विचारण के लिए हैं।
सीआरपीसी की धारा 286 के अनुसार
कमीशनों का निष्पादन-
कमीशन प्राप्त होने पर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, अथवा ऐसा महानगर मजिस्ट्रेट या न्यायिक मजिस्ट्रेट जिसे वह इस निमित्त नियुक्त करे, साक्षी को अपने समक्ष आने के लिए समन करेगा अथवा उस स्थान को जाएगा जहां साक्षी है और उसका साक्ष्य उस रीति से लिखेगा और इस प्रयोजन के लिए उन्हीं शक्तियों का प्रयोग कर सकेगा जो इस संहिता के अधीन वारण्ट-मामलों के विचारण के लिए हैं।
Execution of commissions-
Upon receipt of the commission, the Chief Metropolitan Magistrate or Chief Judicial Magistrate, or such Metropolitan or Judicial Magistrate as he may appoint in this behalf, shall summon the witness before him or proceed to the place where the witness is, and shall take down his evidence in the same manner, and may for this purpose exercise the same powers, as in trials of warrant-cases under this Code.
हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 286 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।