fbpx

सीआरपीसी की धारा 285 | कमीशन जिसको जारी किया जाएगा | CrPC Section- 285 in hindi| Commission to whom to be issued.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 285 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 285 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 285 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 285 के अन्तर्गत यदि साक्षी उन राज्यक्षेत्रों के अन्दर है, जिन पर इस संहिता का विस्तार है, तो कमीशन, यथास्थिति, उस महानगर मजिस्ट्रेट या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को निर्दिष्ट होगा जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर ऐसा साक्षी मिल सकता है। इसी तरह से यदि साक्षी भारत में है किन्तु ऐसे राज्य या ऐसे किसी क्षेत्र में है जिस पर इस संहिता का विस्तार नहीं है तो कमीशन ऐसे न्यायालय या अधिकारी को निर्दिष्ट होगा जिसे केन्द्रीय सरकार अधिसूचना द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे और यदि साक्षी भारत से बाहर के देश या स्थान में है और ऐसे देश या स्थान की सरकार से केन्द्रीय सरकार ने आपराधिक मामलों के सम्बन्ध में साक्षियों का साक्ष्य लेने के लिए ठहराव कर रखे हैं तो कमीशन ऐसे प्ररूप में जारी किया जाएगा, ऐसे न्यायालय या अधिकारी को निर्दिष्ट होगा और पारेषित किए जाने के लिए ऐसे प्राधिकारी को भेजा जाएगा जो केन्द्रीय सरकार, अधिसूचना द्वारा, इस निमित्त विहित करे।

सीआरपीसी की धारा 285 के अनुसार

कमीशन जिसको जारी किया जाएगा-

(1) यदि साक्षी उन राज्यक्षेत्रों के अन्दर है, जिन पर इस संहिता का विस्तार है, तो कमीशन, यथास्थिति, उस महानगर मजिस्ट्रेट या मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट को निर्दिष्ट होगा जिसकी स्थानीय अधिकारिता के अन्दर ऐसा साक्षी मिल सकता है।
(2) यदि साक्षी भारत में है किन्तु ऐसे राज्य या ऐसे किसी क्षेत्र में है जिस पर इस संहिता का विस्तार नहीं है तो कमीशन ऐसे न्यायालय या अधिकारी को निर्दिष्ट होगा जिसे केन्द्रीय सरकार अधिसूचना द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे।
(3) यदि साक्षी भारत से बाहर के देश या स्थान में है और ऐसे देश या स्थान की सरकार से केन्द्रीय सरकार ने आपराधिक मामलों के सम्बन्ध में साक्षियों का साक्ष्य लेने के लिए ठहराव कर रखे हैं तो कमीशन ऐसे प्ररूप में जारी किया जाएगा, ऐसे न्यायालय या अधिकारी को निर्दिष्ट होगा और पारेषित किए जाने के लिए ऐसे प्राधिकारी को भेजा जाएगा जो केन्द्रीय सरकार, अधिसूचना द्वारा, इस निमित्त विहित करे।

Commission to whom to be issued-
(1) If the witness is within the territories to which this Code extends, the commission shall be directed to the Chief Metropolitan Magistrate or Chief Judicial Magistrate, as the case may be, within whose local jurisdiction the witness is to be found.
(2) If the witness is in India, but in a State or an area to which this Code does not extend, the commission shall be directed to such Court or officer as the Central Government may, by notification, specify in this behalf.
(3) If the witness is in a country or place outside India and arrangements have been made by the Central Government with the Government of such country or place for taking the evidence of witnesses in relation to criminal matters, the commission shall be issued in such form, directed to such Court or officer, and sent to such authority for transmission, as the Central Government may, by notification, prescribe in this behalf.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 285 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

Leave a Comment