सीआरपीसी की धारा 343 | जहां मजिस्ट्रेट संज्ञान करे वहां प्रक्रिया | CrPC Section- 343 in hindi| Procedure of Magistrate taking cognizance.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 343 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 343 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 343 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 343 के अन्तर्गत वह मजिस्ट्रेट, जिससे कोई परिवाद धारा 340 या धारा 341 के अधीन किया जाता है, अध्याय 15 में किसी बात के होते हुए भी, जहां तक हो सके मामले में इस प्रकार कार्यवाही करने के लिए अग्रसर होगा, मानो वह पुलिस रिपोर्ट पर संस्थित है। जहां ऐसे मजिस्ट्रेट के या किसी अन्य मजिस्ट्रेट के, जिसे मामला अंतरित किया गया है, ध्यान में यह बात लाई जाती है कि उस न्यायिक कार्यवाही में, जिससे वह मामला उत्पन्न हुआ है, किए गए विनिश्चय के विरुद्ध अपील लंबित है वहां वह, यदि ठीक समझता है तो, मामले की सुनवाई को किसी भी प्रक्रम पर तब तक के लिए स्थगित कर सकता है जब तक ऐसी अपील विनिश्चित न हो जाए।

सीआरपीसी की धारा 343 के अनुसार

जहां मजिस्ट्रेट संज्ञान करे वहां प्रक्रिया–
(1) वह मजिस्ट्रेट, जिससे कोई परिवाद धारा 340 या धारा 341 के अधीन किया जाता है, अध्याय 15 में किसी बात के होते हुए भी, जहां तक हो सके मामले में इस प्रकार कार्यवाही करने के लिए अग्रसर होगा, मानो वह पुलिस रिपोर्ट पर संस्थित है।
(2) जहां ऐसे मजिस्ट्रेट के या किसी अन्य मजिस्ट्रेट के, जिसे मामला अंतरित किया गया है, ध्यान में यह बात लाई जाती है कि उस न्यायिक कार्यवाही में, जिससे वह मामला उत्पन्न हुआ है, किए गए विनिश्चय के विरुद्ध अपील लंबित है वहां वह, यदि ठीक समझता है तो, मामले की सुनवाई को किसी भी प्रक्रम पर तब तक के लिए स्थगित कर सकता है जब तक ऐसी अपील विनिश्चित न हो जाए।

Procedure of Magistrate taking cognizance-
(1) A Magistrate to whom a complaint is made under Section 340 or Section 341 shall, notwithstanding anything contained in Chapter XV, proceed, as far as may be, to deal with the case as if it were instituted on a police report.
(2) Where it is brought to the notice of such Magistrate, or of any other Magistrate to whom the case may have been transferred, that an appeal is pending against the decision arrived at in the judicial proceeding out of which the matter has arisen, he may, if he thinks fit, at any stage, adjourn the hearing of the case until such appeal is decided.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 343 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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