सीआरपीसी की धारा 403 | पक्षकारों को सुनने का न्यायालय का विकल्प | CrPC Section- 403 in hindi| Option of Court to hear parties.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 403 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 403 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 403 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 403 के अन्तर्गत अभिव्यक्त रूप से जैसा उपबन्धित है उसके सिवाय, जो न्यायालय अपनी पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग कर रहा है उसके समक्ष स्वयं प्लीडर द्वारा सुने जाने का अधिकार किसी भी पक्षकार को नहीं है, किन्तु यदि न्यायालय ठीक समझता है तो वह ऐसी शक्तियों का प्रयोग करते समय किसी पक्षकार को स्वयं या उसके प्लीडर द्वारा सुन सकेगा।

सीआरपीसी की धारा 403 के अनुसार

पक्षकारों को सुनने का न्यायालय का विकल्प-

इस संहिता में अभिव्यक्त रूप से जैसा उपबन्धित है उसके सिवाय, जो न्यायालय अपनी पुनरीक्षण की शक्तियों का प्रयोग कर रहा है उसके समक्ष स्वयं प्लीडर द्वारा सुने जाने का अधिकार किसी भी पक्षकार को नहीं है, किन्तु यदि न्यायालय ठीक समझता है तो वह ऐसी शक्तियों का प्रयोग करते समय किसी पक्षकार को स्वयं या उसके प्लीडर द्वारा सुन सकेगा।

Option of Court to hear parties-
Save as otherwise expressly provided by this Code, no party has any right to be heard either personally or by the pleader before any Court exercising its powers of revision; but the Court may, if it thinks fit, when exercising such powers, hear any party either personally or by pleader.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 403 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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