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सीआरपीसी की धारा 415 | उच्चतम न्यायालय की अपील की दशा में मृत्यु दंडादेश के निष्पादन का मुल्तवी किया जाना | CrPC Section- 415 in hindi| Postponement of execution of sentence of death in case of appeal to Supreme Court.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 415 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 415 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 415 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 415 के अन्तर्गत जहां किसी व्यक्ति को उच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दंडादेश दिया गया है और उसके निर्णय के विरुद्ध कोई अपील संविधान के अनुच्छेद 134 के खण्ड (1) के उपखण्ड (क) या उपखण्ड (ख) के अधीन उच्चतम न्यायालय को होती है वहां उच्च न्यायालय दंडादेश का निष्पादन तब तक के लिए मुल्तवी किए जाने का आदेश देगा जब तक ऐसी अपील करने के लिए अनुज्ञात अवधि समाप्त नहीं हो जाती है। अथवा यदि उस अवधि के अन्दर कोई अपील की गई है तो जब तक उस अपील का निपटारा नहीं हो जाता है।

सीआरपीसी की धारा 415 के अनुसार

उच्चतम न्यायालय की अपील की दशा में मृत्यु दंडादेश के निष्पादन का मुल्तवी किया जाना-

(1) जहां किसी व्यक्ति को उच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दंडादेश दिया गया है और उसके निर्णय के विरुद्ध कोई अपील संविधान के अनुच्छेद 134 के खण्ड (1) के उपखण्ड (क) या उपखण्ड (ख) के अधीन उच्चतम न्यायालय को होती है वहां उच्च न्यायालय दंडादेश का निष्पादन तब तक के लिए मुल्तवी किए जाने का आदेश देगा जब तक ऐसी अपील करने के लिए अनुज्ञात अवधि समाप्त नहीं हो जाती है। अथवा यदि उस अवधि के अन्दर कोई अपील की गई है तो जब तक उस अपील का निपटारा नहीं हो जाता है।
(2) जहां उच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दंडादेश दिया गया है या उसकी पुष्टि की गई है, और दंडादिष्ट व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद 132 के अधीन या अनुच्छेद 134 के खण्ड (1) के उपखण्ड (ग) के अधीन प्रमाणपत्र दिए जाने के लिए उच्च न्यायालय से आवेदन करता है, तो उच्च न्यायालय दंडादेश का निष्पादन तब तक के लिए मुल्तवी किए जाने का आदेश देगा जब तक उस आवेदन का उच्च न्यायालय द्वारा निपटारा नहीं हो जाता है या यदि ऐसे आवेदन पर कोई प्रमाणपत्र दिया गया है, तो जब तक उस प्रमाणपत्र पर उच्चतम न्यायालय को अपील करने के लिए अनुज्ञात अवधि समाप्त नहीं हो जाती है।
(3) जहां उच्च न्यायालय द्वारा मृत्यु दंडादेश दिया गया है या उसकी पुष्टि की गई है और उच्च न्यायालय का यह समाधान हो जाता है कि दण्डादिष्ट व्यक्ति संविधान के अनुच्छेद 136 के अधीन अपोल के लिए विशेष इजाजत दिए जाने के लिए उच्चतम न्यायालय में अर्जी पेश करना चाहता है, वहां उच्च न्यायालय दंडादेश का निष्पादन इतनी अवधि तक के लिए जितनी वह ऐसी अर्जी पेश करने के लिए पर्याप्त समझे. मुल्तवी किए जाने का आदेश देगा।

Postponement of execution of sentence of death in case of appeal to Supreme Court-
(1) Where a person is sentenced to death by the High Court and an appeal from its judgment lies to the Supreme Court under sub-clause (a) of sub-clause (b) of clause (1) of Article 134 of the Constitution, the High Court shall order the execution of the sentence to be postponed until the period allowed for preferring such appeal as expired, or, if an appeal is preferred within that period, until such appeal is disposed of.
(2) Where a sentence of death is passed or confirmed by the High Court, and the person sentenced makes an application to the High Court for the grant of a certificate under Article 132 or under sub-clause (c) of clause (1) of Article 134 of the Constitution, the High Court shall order the execution of the sentence to be postponed until such application is disposed of by the High Court, or if a certificate is granted on such application, until the period allowed for preferring an appeal to the Supreme Court on such certificate has expired.
(3) Where a sentence of death is passed or confirmed by the High Court, and the High Court is satisfied that the person sentence intends to present a petition to the Supreme Court for the grant of special leave to appeal under Article 136 of the Constitution, the High Court shall order the execution of the sentence to be postponed for such period as it considers sufficient to enable him to present such petition.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 415 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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