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सीआरपीसी की धारा 426 | निकल भागे सिद्धदोष पर दंडादेश कब प्रभावशील होगा | CrPC Section- 426 in hindi| Sentence on escaped convict when to take effect.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 426 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 426 कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 426 का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 426 के अन्तर्गत किसी मामले मे निकल भागे सिद्धदोष को इस संहिता के अधीन मृत्यु, आजीवन कारावास या जुर्माने का दंडादेश दिया जाता है तब ऐसा दंडादेश इसमें इसके पूर्व अन्तर्विष्ट उपबन्धों के अधीन रहते हुए तुरंत प्रभावी हो जाएगा। इसी तरह से यदि भागे सिद्धदोष को इस संहिता के अधीन किसी अवधि के कारावास का दंडादेश दिया जाता है तब यदि ऐसा दंडादेश उस दंडादेश से कठोरतर किस्म का हो जिसे ऐसा सिद्धदोष, जब वह निकल भागा था, तब भोग रहा था तो नया दंडादेश तुरंत प्रभावी हो जाएगा या नया दंडादेश, उसके द्वारा उस अतिरिक्त अवधि के लिए कारावास भोग लिए जाने के पश्चात् प्रभावी होगा, जो उसके निकल भागने के समय उसके पूर्ववर्ती दंडादेश की शेष अवधि के बराबर है।

सीआरपीसी की धारा 426 के अनुसार

निकल भागे सिद्धदोष पर दंडादेश कब प्रभावशील होगा-

(1) जब निकल भागे सिद्धदोष को इस संहिता के अधीन मृत्यु, आजीवन कारावास या जुर्माने का दंडादेश दिया जाता है तब ऐसा दंडादेश इसमें इसके पूर्व अन्तर्विष्ट उपबन्धों के अधीन रहते हुए तुरंत प्रभावी हो जाएगा।
(2) जब निकल भागे सिद्धदोष को इस संहिता के अधीन किसी अवधि के कारावास का दंडादेश दिया जाता है तब, –
(क) यदि ऐसा दंडादेश उस दंडादेश से कठोरतर किस्म का हो जिसे ऐसा सिद्धदोष, जब वह निकल भागा था, तब भोग रहा था तो नया दंडादेश तुरंत प्रभावी हो जाएगा;
(ख) यदि ऐसा दंडादेश उस दंडादेश से कठोरतर किस्म का न हो जिसे ऐसा सिद्धदोष, जब वह निकल भागा था तब, भोग रहा था, तो नया दंडादेश, उसके द्वारा उस अतिरिक्त अवधि के लिए कारावास भोग लिए जाने के पश्चात् प्रभावी होगा, जो उसके निकल भागने के समय उसके पूर्ववर्ती दंडादेश की शेष अवधि के बराबर है।
(3) उपधारा (2) के प्रयोजनों के लिए कठोर कारावास का दंडादेश सादा कारावास के दंडादेश से कठोरतर किस्म का समझा जाएगा।

Sentence on escaped convict when to take effect-
(1) When a sentence of death, imprisonment for life or fine is passed under this Code on an escaped convict, such sentence shall, subject to the provisions hereinbefore contained take effect immediately.
(2) When a sentence of imprisonment for a term is passed under this Code on an
escaped convict.
(a) if such sentence is severer in kind than the sentence which such convict was undergoing when he escaped, the new sentence shall take effect immediately;
(b) if such sentence is not severer in kind than the sentence which such convict was undergoing when he escaped, the new sentence shall take effect after he has suffered imprisonment for a further period equal to that which, at the time of his escape, remained unexpired of his former sentence.
(3) For the purpose of sub-section (2), a sentence of rigorous imprisonment shall be deemed to be severer in kind than a sentence of simple imprisonment.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 426 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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