सीआरपीसी की धारा 437A | अभियुक्त से अगले अपीलीय न्यायालय के समक्ष उपसंजात होने की अपेक्षा करने के लिए जमानत | CrPC Section- 437A in hindi| Bail to require accused to appear before next Appellate Court.

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 437A के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 437A कब लागू होती है, यह भी इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

धारा 437A का विवरण

दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 437A के अन्तर्गत विचारण के समाप्त होने के पूर्व तथा अपील के निस्तारण के पूर्व अपराध का विचारण करने वाला न्यायालय या अपीलीय न्यायालय अभियुक्त से यह अपेक्षा करेगा कि वह उच्चतर न्यायालय के समक्ष उपसंजात होने के लिए प्रतिभुओं सहित जमानत बन्धपत्र निष्पादित करे जैसे और जब ऐसा न्यायालय क्रमिक न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध दाखिल की गई अपील या याचिका के सम्बन्ध में नोटिस जारी करता है और ऐसा जमानत बन्धपत्र छह मास तक प्रवृत्त रहेगा। यदि ऐसा अभियुक्त उपसंजात होने में असफल होता है तब बन्धपत्र समपहरण हो जाता है, और धारा 446 के अधीन प्रक्रिया लागू होगी ।

सीआरपीसी की धारा 437A के अनुसार

अभियुक्त से अगले अपीलीय न्यायालय के समक्ष उपसंजात होने की अपेक्षा करने के लिए जमानत–

(1) विचारण के समाप्त होने के पूर्व तथा अपील के निस्तारण के पूर्व अपराध का विचारण करने वाला न्यायालय या अपीलीय न्यायालय अभियुक्त से यह अपेक्षा करेगा कि वह उच्चतर न्यायालय के समक्ष उपसंजात होने के लिए प्रतिभुओं सहित जमानत बन्धपत्र निष्पादित करे जैसे और जब ऐसा न्यायालय क्रमिक न्यायालय के निर्णय के विरुद्ध दाखिल की गई अपील या याचिका के सम्बन्ध में नोटिस जारी करता है और ऐसा जमानत बन्धपत्र छह मास तक प्रवृत्त रहेगा।
(2) यदि ऐसा अभियुक्त उपसंजात होने में असफल होता है तब बन्धपत्र समपहरण हो जाता है, और धारा 446 के अधीन प्रक्रिया लागू होगी।

Bail to require accused to appear before next Appellate Court-
(1) Before conclusion of the trial and before disposal of the appeal, the Court trying the offence or the Appellate Court, as the case may be, shall require the accused to execute bail bonds with sureties, to appear before the higher Court as and when such Court issues notice in respect of any appeal or petition filed against the judgment of the respective Court and such bail bonds shall be in force for six months.
(2) If such accused fails to appear, the bond stand forfeited and the procedure under section 446 shall apply.

हमारा प्रयास सीआरपीसी की धारा 437A की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

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